Edited By ,Updated: 28 Jun, 2016 07:48 PM
नए जीएसटी बिल के एक प्रावधान पर इंटरनेट मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने आपत्ति जताई है। इस प्रावधान...
नई दिल्ली : नए जीएसटी बिल के एक प्रावधान पर इंटरनेट मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने आपत्ति जताई है। इस प्रावधान के मुताबिक कहा गया है कि अगर सोशल मीडिया साइट्स फेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब आदि पर सोशल सोशल वेबसाइट्स पर जो ऑनलाइन प्रोड्क्ट्स बिकने के लिए प्रमोट किए जाते हैं, इन साइट्स को एजेंट, बिचौलिया या थर्ड पार्टी मान लिया जाएगा।
इसी प्रावधान पर इंटरनेट मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया का कहना है कि ऐेसे में तो ऑनलाइन बिजनेस करना मुश्किल हो जाएगा क्योंकि ऑनलाइन सामान सप्लाई करने वाली कंपनियां ऐसी साइट्स का जमकर प्रयोग करती हैं। अगर उनके सामान को बेचने या प्रमोट करने का असर इन साइट्स पर पड़ेगा तो वे क्यों इनका साथ देंगी। आईएएमएआई का कहना है कि यह प्रावधान इंटरनेट की आजादी पर भी खतरा है।