Edited By Supreet Kaur,Updated: 10 Jul, 2018 12:58 PM
नए मोबाइल के खराब होने के बाद ठीक न करना माइक्रोमैक्स को महंगा पड़ गया। जिला उपभोक्ता फोरम ने कम्पनी को इस सम्बन्ध में मोबाइल की कीमत पर हर्जाने समेत कुल 8,500 रुपए का भुगतान शिकायतकर्ता को करने का आदेश दिया है।
बिजनेस डेस्कः नए मोबाइल के खराब होने के बाद ठीक न करना माइक्रोमैक्स को महंगा पड़ गया। जिला उपभोक्ता फोरम ने कम्पनी को इस सम्बन्ध में मोबाइल की कीमत पर हर्जाने समेत कुल 8,500 रुपए का भुगतान शिकायतकर्ता को करने का आदेश दिया है।
क्या है मामला
स्थानीय निवासी मोहम्मद सादिक अली ने रूद्र एजैंसी से माइक्रोमैक्स का मोबाइल 5,500 रुपए में खरीदा था। जो कुछ दिनों बाद खराब हो गया। उसने मोबाइल को रिपेयर के लिए कम्पनी के सर्विस सैंटर में दिया परन्तु सॢवस सैंटर की तरफ से मोबाइल ठीक करने की बजाय उसे कोई अन्य मोबाइल दे दिया गया। शिकायतकर्ता लगातार सर्विस सैंटर में अपना मोबाइल वापस लेने के लिए जाता रहा परन्तु सर्विस सैंटर ने उसकी कोई बात नहीं सुनी। इसके बाद उसने कम्पनी को कानूनी नोटिस भी भेजा, जिसका कम्पनी ने कोई जवाब न दिया। परेशान होकर उसने उपभोक्ता फोरम का दरवाजा खटखटाया।
यह कहा फोरम ने
दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद उपभोक्ता फोरम ने माइक्रोमैक्स कम्पनी को आदेश दिया कि वह मोबाइल फोन की कीमत 5500 रुपए शिकायतकर्ता को दे। इसके साथ ही फोरम ने 2000 रुपए मानसिक परेशानी और 1000 रुपए अदालती खर्च के रूप में देने का भी आदेश कम्पनी को दिया।