नए कीटनाशक विधेयक में भारतीय कंपनियों को समान अवसर दिए जाने चाहिए

Edited By jyoti choudhary,Updated: 10 Apr, 2018 12:08 PM

new pesticide bill should be given equal opportunities to indian companies

देश में किटनाशक का उत्पादन करने वाली कंपनियों ने केन्द्र सरकार से मांग की है कि विदेशी कंपनियों द्वारा आयात किए जाने वाले कीटनाशक फामुलेशंस (पीएफ) में सक्रिय अवयवों के बारे में पूरी जानकारी

हैदराबादः देश में किटनाशक का उत्पादन करने वाली कंपनियों ने केन्द्र सरकार से मांग की है कि विदेशी कंपनियों द्वारा आयात किए जाने वाले कीटनाशक फामुलेशंस (पीएफ) में सक्रिय अवयवों के बारे में पूरी जानकारी अथवा तकनीकी ब्यौरा भारतीय प्राधिकण्रण के समक्ष दर्ज किए बिना आयात की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।

अखिल भारतीय लघु एवं मध्यम कीटनाशक विनिर्माता संघों के परिसंघ (सीएपीएमए) ने यह भी मांग की है कि प्रस्तावित कीटनाशक प्रबंधन विधेयक 2017 में भारतीय कंपनियों को बराबर की सुविधायें और प्रतिस्पर्धा का मौका देने की व्यवस्था की जानी चाहिए ताकि भारतीय किसानों का इसका फायदा मिल सके।

सीएपीएमए के अध्यक्ष राजा महेन्द्र रेड्डी ने कहा, ‘‘भारतीय किसानों और भारतीय उद्योगों के हित में पंजीकरण प्राधिकरणों को तकनीकी ग्रेड उत्पादों का पंजीकरण किए बिना भारत में कीटनाशक फार्म्युलेशंस के आयात हेतू पंजीकरण को तुरंत बंद करना चाहिए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘एफएओ/ डब्ल्यूएचओ तथा अमरीका, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील और चीन जैसे अन्य प्रमुख कृषि देश, फार्मूलेशन के लिए पंजीकरण सुविधा प्रदान करने से पहले तकनीकी ग्रेड कीटनाशकों के लिए पंजीकरण करवाते हैं।’’

उन्होंने आरोप लगाया कि कीटनाशकों पर प्रस्तावित कानून, तकनीकी या सक्रिय सामग्री के अनिवार्य पंजीकरण की आवश्यकता के बारे में खामोश है, जो फार्मूलेशन के आयातकों के लिए 'एकाधिकार' की स्थिति उत्पन्न कर सकता है। रेड्डी ने आगे कहा कि कीटनाशक फार्मूलेशन और तकनीकी विवरण के लिए परिभाषाओं और पंजीकरण प्रक्रियाओं के बारे में कोई स्पष्टता नहीं है, जो अधिकारियों द्वारा विनिर्माताओं एवं व्यापारियों के 'उत्पीडऩ' का कारण बन सकता है।   

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