Edited By jyoti choudhary,Updated: 30 Sep, 2020 02:27 PM
एक अक्टूबर से इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने टैक्स कलेक्टेड ऐट सोर्स (Tax Collected at Source) को लेकर नया नियम जारी किया है। नए नियम के मुताबिक, किसी भी ई-कॉमर्स ऑपरेटर को यह अधिकार दिया गया है कि वह एक अक्टूबर से गुड्स और सर्विस सेल पर एक फीसदी का...
बिजनेस डेस्कः एक अक्टूबर से इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने टैक्स कलेक्टेड ऐट सोर्स (Tax Collected at Source) को लेकर नया नियम जारी किया है। नए नियम के मुताबिक, किसी भी ई-कॉमर्स ऑपरेटर को यह अधिकार दिया गया है कि वह एक अक्टूबर से गुड्स और सर्विस सेल पर एक फीसदी का टीसीएस काटे।
वित्त अधिनियम 2020 में इनकम टैक्स कानून 1961 में एक नई धारा 194-ओ जोड़ी गई है। इसके तहत ई-कॉमर्स ऑपरेटर को यह अधिकार दिया गया है कि एक अक्ट्रबर 2020 से उसके डिजिटल अथवा इलेक्ट्रॉनिक सुविधा अथवा प्लैटफॉर्म के जरिए होने वाले माल अथवा सेवा अथवा दोनों के कुल मूल्य पर एक फीसदी की दर से इनकम टैक्स लेना होगा।
फाइनैंश ऐक्ट 2020 में इनकम टैक्स कानून की धारा 206सी में एक उप-धारा (1 एच) भी जोड़ी गई है। इसके तहत यदि बिक्री का मूल्य 50 लाख रुपए से अधिक है अथवा पिछले साल के दौरान ग्रॉस सेलिंग 50 लाख रुपए से अधिक था उसमें विक्रेता को खरीदार से 0.1 फीसदी की दर से कर वसूलना होगा। केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने कहा कि उसे इस सबंध में ज्ञापन प्राप्त हुए थे कि कुछ एक्सचेंजों और क्लियरिंग कार्पोरेशन के स्तर पर स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) और स्रोत पर कर वसूली (टीसीएस) के प्रावधानों को अमल में लाने में परेशानी हो रही थी।
यह बताया गया कि कई बार इस तरह के सौदों में खरीदार और विक्रेता के बीच सीधे संपर्क नहीं होता है। सीबीडीटी ने स्पष्ट किया है कि टीसीएस का नया प्रावधान जो लागू किया गया है वह मान्यता प्राप्त शेयर बाजारों में होने वाले जिंस अथवा प्रतिभूतियों के सौदों पर लागू नहीं होगा। यह प्रावधान बिजली, नवीकरणीय ऊर्जा प्रमाणपत्रों और ऊर्जा बचत प्रमाणपत्रों के लेनदेन पर भी लागू नहीं होगा।