Edited By ,Updated: 18 Jul, 2016 03:11 PM
नैशनल ग्रीन ट्राइब्यूनल (एन.जी.टी.) ने राजधानी दिल्ली में 10 साल से पुरानी डीजल गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन खत्म करने का आदेश दिया है।
नई दिल्लीः नैशनल ग्रीन ट्राइब्यूनल (एन.जी.टी.) ने राजधानी दिल्ली में 10 साल से पुरानी डीजल गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन खत्म करने का आदेश दिया है। दिल्ली आर.टी.ओ. को जारी किए गए आदेश में एन.जी.टी. ने कहा कि इस पर तत्काल अमल किया जाए।
एन.जी.टी. ने अपने आदेश में कहा, '10 साल से पुरानी डीजल गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन खत्म किया जाए। आर.टी.ओ. जिन वाहनों का रजिस्ट्रेशन खत्म करेगा, उनकी लिस्ट ट्रैफिक पुलिस को सौंपी जाए।' एन.जी.टी. के आदेश के बाद आर.टी.ओ. अब इस संबंध में एक पब्लिक नोटिस जारी करेगा।
ट्रकों को राहत
एन.जी.टी. ने आदेश में ट्रकों को राहत दी है। हालांकि प्रदूषण फैलाने वाले कारकों में डीजल वाहन अधिक हैं और इनमें ट्रकों से ज्यादा धुआं फैलता है।
एन.जी.टी. ने क्या कहा?
एन.जी.टी. की ओर से आर.टी.ओ. को डायरेक्शन दी है की ऐसे वाहनों की जानकारी ट्रैफिक पुलिस को दें और पुलिस कार्रवाई करे। दिल्ली में स्कूल और हॉस्पिटल्स को ‘नो हांकिंग जोन’ के रूप में चिह्नित किया गया या नहीं इस पर भी एन.जी.टी. ने जवाब मांगा है। एन.जी.टी. ने इसी के साथ ऑर्डर दिया है कि गाड़ियों में बाहर से कोई हॉर्न नहीं लगाए जाएंगे। टू-व्हीलर्स पर भी यह नियम लागू होगा।
एक चौथाई प्रदूषण प्राइवेट कारों से
दिल्ली को प्रदूषित करने में कारों की हिस्सेदारी एक चौथाई है। दिल्ली की सड़कों पर दौड़ रही करीब 23 लाख कारों से वायु प्रदूषण की हिस्सेदारी 22 फीसदी है लेकिन दिल्ली सरकार की प्रदूषण मुक्त दिल्ली के लिए बनाई गई नीति पर सबसे बड़ी गाज कार वाहनों पर पड़ी है।
क्या कहते हैं आंकड़े
-दिल्ली में कुल रजिस्टर्ड होने वाली कारों में 23 प्रतिशत डीजल कारें होती हैं
-दिल्ली में कुल डीजल कारों की संख्या 6 लाख से अधिक है
-दिल्ली में व्यावसायिक डीजल वाहनों की संख्या 86 हजार है
-राजधानी में 10 साल से पुराने डीजल वाहनों की संख्या 118,773 है
-10 साल से ज्यादा पुराने व्यावसायिक डीजल वाहनों की संख्या 34,659 है