Edited By Punjab Kesari,Updated: 01 Dec, 2017 04:15 PM
जापानी कार निर्माता कंपनी निसान ने भारत के खिलाफ इंटरनेशनल आर्बिटरेशन में 5000 करोड़ रुपए का मुकदमा दर्ज कराया है। कंपनी का आरोप है कि भारत ने उसे इंसेंटिव के तौर पर 5000 करोड़ रुपए का भुगतान करना था, जो नहीं किया गया। पहली आर्बिटेशन सुनवाई दिसंबर...
नई दिल्लीः जापानी कार निर्माता कंपनी निसान ने भारत के खिलाफ इंटरनेशनल आर्बिटरेशन में 5000 करोड़ रुपए का मुकदमा दर्ज कराया है। कंपनी का आरोप है कि भारत ने उसे इंसेंटिव के तौर पर 5000 करोड़ रुपए का भुगतान करना था, जो नहीं किया गया। पहली आर्बिटेशन सुनवाई दिसंबर के मध्य में होगी।
लगाया यह आरोप
जानकारी के मुताबिक कंपनी ने इस नोटिस में तमिलनाडु सरकार से बकाया इंसेंटिव की मांग की है। बता दें कि कंपनी ने 2008 में तमिलनाडु सरकार के साथ समझौते के तहत राज्य में कार मैन्यूफैक्चरिंग प्लॉट लगाया था। निसान ने नोटिस में 2,900 करोड़ रुपए के अनपेड इन्सेंटिव और 2,100 करोड़ रुपए डेमेज, ब्याज आदि के रुप में मांगे हैं। पिछले साल कंपनी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कानूनी नोटिस भी भेजा था। इस नोटिस में तमिलनाडु सरकार से इन्सेंटिव के तौर पर बकाया पेमेंट की मांग की गई थी।
सरकार ने दिलाया भरोसा
जुलाई 2016 में निसान के वकीलों द्वारा भेजे गए नोटिस के बाद भारत सरकार, तमिलनाडु सरकार और निसान के अधिकारियों के बीच एक दर्जन से ज्यादा बार बैठक हुईं। भारत सरकार के अधिकारियों ने निसान को भरोसा दिया था कि पेमेंट किया जाएगा और इसे कानूनी मामला नहीं बनाया जाना चाहिए, लेकिन अगस्त में निसान ने भारत सरकार को एक आर्बिटेटर नियुक्त करने की चेतावनी दी। तमिलनाडु सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हमें लगा था इस विवाद का समाधान अंतर्राष्ट्रीय आर्बिटरेशन के बिना हो जाएगा। उन्होंने कहा कि बकाया राशि को लेकर कोई परेशानी नहीं थी। उन्होंने बताया कि विवाद का हल निकाले जाने का प्रयास किया जा रहा है।