Edited By rajesh kumar,Updated: 12 Aug, 2020 03:10 PM
रिलायंस फाउंडेशन की चेरयपर्सन नीता अंबानी ने भारत में डिजिटल जेंडर डिवाइड को खत्म करने के लिए ‘यूनाइटेड स्टेट एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलेपमेंट’ (USAID) के साथ हाथ मिलाया। अमेरीकी राष्ट्रपति की बेटी इवांका ट्रंप इस कार्यक्रम में मुख्यतिथि के तौर पर...
मुंबई: रिलायंस फाउंडेशन की चेरयपर्सन नीता अंबानी ने भारत में डिजिटल जेंडर डिवाइड को खत्म करने के लिए ‘यूनाइटेड स्टेट एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलेपमेंट’ (USAID) के साथ हाथ मिलाया। अमेरीकी राष्ट्रपति की बेटी इवांका ट्रंप इस कार्यक्रम में मुख्यतिथि के तौर पर मौजूद हुई।
50 लाख महिलाओं तक पहुंचने का लक्ष्य
अमेरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2019 में दुनिया भर में महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए ‘वूमेंस ग्लोबल डेवलेपमेंट प्रोस्पेरिटी’ यानी W-GDP इनिशिएटिव को लॉन्च किया था। इसे बनाने में इवांका ट्रंप ने एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी। इस इनिशिएटिव का लक्ष्य साल 2025 तक विकासशील देशों की 50 लाख महिलाओं तक पहुंचने का है। W-GDP इनिशिएटिव के तहत रिलायंस फाउंडेशन और USAID साथ मिलकर काम करेंगे। इस साझेदारी की घोषणा W-GDP के तहत हुए एक कार्यक्रम में की गई। इस कार्यक्रम की मेजबानी अमेरिकी उप-मंत्री स्टीफन बेजगुन ने की, हालांकि यूएसएआईडी के उप-प्रशासक बोनी ग्लिक भी इस कार्यक्रम में उपस्थित रहे।
वुमनकनेक्ट चैलेंज लॉन्च करेंगे
नीता अंबानी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि, मुझे यह घोषण करके गर्व महसूस हो रहा है कि USAID के साथ साझेदारी करके रिलायंस फाउंडेशन और W-GDP एक साथ आ रहे हैं। 2020 में हम समस्त भारत में एक साथ डब्ल्यू-जीडीपी वुमनकनेक्ट चैलेंज लॉन्च करेंगे। भारत में लिंग भेद और डिजिटल विभाजन दोनों का खात्मा करना हमारा लक्ष्य क्योंकि जब महिलाएं जागती है तो वो परिवारों, समाज और देश की प्रगति के नए रास्ते खोलती हैं। सही मायनों में विकसित विश्व वहीं है जिसमें सबके साथ बराबरी का व्यवहार होता हो।
आर्थिक सशक्तीकरण को बढ़ावा
बता दें कि W-GDP रिलायंस फाउंडेशन के साथ मिलकर भारत में वुमन कनेक्ट चैलेंज लॉन्च करेगा। यह चैलेंज भारत में लिंग भेद के खात्में के साथ साथ भारतीय महिलाओं को व्यापर में जोड़ने और उनको बढ़ावा देने का काम करेगा। राष्ट्रपति की सलाहकार ने इवांका ट्रंप ने कहा इनोवेटिव कार्यक्रमों के माध्यम से महिलाओं के आर्थिक सशक्तीकरण को बढ़ावा देने के लिए डब्ल्यू-जीडीपी फंड बनाया गया था। हम अमेरिकी सरकार और निजी क्षेत्र के संसाधनों और विशेषज्ञता का लाभ उठा रहे हैं ताकि इसका स्थायी और गहरा प्रभाव पड़े।