Edited By jyoti choudhary,Updated: 30 May, 2018 06:36 PM
केंद्र सरकार एयरलाइंस कंपनी एयर इंडिया में अपनी हिस्सेदारी बेचने की कोशिश में लगी हुई है लेकिन अब तक किसी भी प्राइवेट कंपनी ने इसके लिए बोली नहीं लगाई है। एविएशन सेक्रेटरी आरएन चौबे ने बुधवार को इसकी जानकारी दी।
नई दिल्लीः केंद्र सरकार एयरलाइंस कंपनी एयर इंडिया में अपनी हिस्सेदारी बेचने की कोशिश में लगी हुई है लेकिन अब तक किसी भी प्राइवेट कंपनी ने इसके लिए बोली नहीं लगाई है। एविएशन सेक्रेटरी आरएन चौबे ने बुधवार को इसकी जानकारी दी। चौबे ने बताया कि कोई बोली न लगने के बावजूद एक्सप्रेशन ऑफ इंट्रेस्ट (EOI) या रुचि पत्र जमा करने की आखिरी तारीख (31 मई) को आगे नहीं बढ़ाया जाएगा। हालांकि, इसे एक बार पहले आगे बढ़ाया जा चुका है।
पहले रुचि पत्र जमा करने की डेडलाइन 14 मई थी, उसे बढ़ाकर ही 31 मई किया गया था। केंद्र सरकार घाटे में चल रही एयर लाइंस एयरलाइंस की 76 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचना चाहती है। एयर इंडिया पर 50 हजार करोड़ रुपए का कर्ज बताया गया है। जून 2017 में आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमिटी (CCEA) से इसके विनिवेश की मंजूरी मिली थी।
सरकार ने एयर इंडिया को 5 हिस्सों में बांटा है। इनमें 4 हिस्सों को बेचा जाएगा, जिनमें एक हिस्सा एयर इंडिया, एयर इंडिया एक्सप्रेस और एआई एसएटएस है, दूसरा हिस्सा ग्राउंड हैंडलिंग यूनिट, तीसरा हिस्सा इंजीनियरिंग यूनिट और चौथा हिस्सा अलायंस एयर है। जबकि पांचवे हिस्से एसवीपी को सरकार अपने पास रखेगी। सरकारी मेमोरेंडम के मुताबिक, सरकार 76 फीसदी इक्विटी शेयर बेचेने के साथ ही मैनेजमेंट कंट्रोल भी ट्रांसफर करना चाहती है।