नहीं दिया क्लेम, अब रैलीगेयर हैल्थ इंश्योरैंस कम्पनी देगी हर्जाना

Edited By Pardeep,Updated: 26 May, 2018 05:17 AM

no claim given now rallygear health insurance company will pay damages

जिला उपभोक्ता संरक्षण फोरम ने एक याचिकाकत्र्ता को राहत देते हुए रैलीगेयर हैल्थ इंश्योरैंस कम्पनी लिमिटेड को आदेश दिया है कि वह याचिकाकत्र्ता को उसके इलाज पर आए सारे खर्च सहित 10,000 रुपए हर्जाने के रूप में 30 दिन में अदा करे, नहीं तो सारी राशि 9...

गुरदासपुर: जिला उपभोक्ता संरक्षण फोरम ने एक याचिकाकत्र्ता को राहत देते हुए रैलीगेयर हैल्थ इंश्योरैंस कम्पनी लिमिटेड को आदेश दिया है कि वह याचिकाकत्र्ता को उसके इलाज पर आए सारे खर्च सहित 10,000 रुपए हर्जाने के रूप में 30 दिन में अदा करे, नहीं तो सारी राशि 9 प्रतिशत ब्याज दर से अदा करनी होगी। 

क्या है मामला
दीपक महाजन पुत्र सतीश महाजन निवासी धारीवाल ने फोरम समक्ष दायर याचिका में आरोप लगाया था कि उसने रैलीगेयर इंश्योरैंस कम्पनी लिमिटेड के अमृतसर कार्यालय के एक एजैंट राकेश खन्ना निवासी धारीवाल के माध्यम से 55,801 रुपए प्रीमियम अदा कर 15 अक्तूबर 2014 से 14 अक्तूबर 2017 तक हैल्थ इंश्योरैंस पॉलिसी खरीदी थी जिसमें 3 साल के लिए उसका सारा परिवार जिसमें पिता सतीश महाजन, माता शशि बाला तथा वह स्वयं कवर होता था। 

जब इश्योंरैंस करवाई गई तो कहा गया था कि 3 साल में यदि परिवार के किसी मैंबर को उपचार की जरूरत पड़ती है तो इंश्योरैंस कम्पनी उपचार पर आने वाला सारा भुगतान करेगी। उसने बताया कि वर्ष 2015 में उसके पिता सतीश महाजन की आंखों में कोई नुक्स होने पर डा. ओम प्रकाश आई इंस्टीच्यूट अमृतसर से इलाज करवाया गया। 

जिस पर 1,60,800 रुपए खर्च आया परंतु इंश्योरैंस कम्पनी को जब क्लेम बिल भेजा गया तो कम्पनी ने क्लेम यह कह कर देने से इन्कार कर दिया कि पॉलिसी शर्तों के अनुसार यह इलाज इंश्योरैंस पॉलिसी में कवर नहीं होता। पहले तो इंश्योरैंस कम्पनी के वकील ने फोरम समक्ष पेश होकर यह कह दिया कि यह केस फोरम के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता क्योंकि एक तो इंश्योरैंस कम्पनी का कार्यालय अमृतसर-दिल्ली तथा नोएडा में है। दूसरा आंखों के इलाज के लिए कम्पनी क्लेम नहीं दे सकती। 

यह कहा फोरम ने 
फोरम के प्रधान नवीन पुरी ने दोनों पक्षों के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद अपना निर्णय सुनाते हुए स्पष्ट किया कि याचिकाकत्र्ता की इंश्योरैंस धारीवाल में की गई। उससे चैक धारीवाल बैंक का लिया गया तथा इंश्योरैंस पॉलिसी याचिकाकत्र्ता के धारीवाल के पते पर भेजी गई थी। इस लिए मामला फोरम के अधिकार क्षेत्र में है। इसी तरह पॉलिसी की शर्तों तथा याचिकाकत्र्ता से किए वायदों के अनुसार इंश्योरैंस कम्पनी याचिकाकत्र्ता के पिता के इलाज पर आया पूरा खर्च तथा 10,000 रुपए हर्जाना 30 दिन में अदा करे। यदि निर्धारित समय पर यह राशि अदा नहीं की जाती तो पूरी राशि 9 प्रतिशत ब्याज सहित अदा करनी होगी। 

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