Edited By jyoti choudhary,Updated: 28 Oct, 2018 11:58 AM
कृषक पिता की सर्पदंश से मृत्यु होने पर उत्तराधिकारी बेटे द्वारा क्लेम आवेदन प्रस्तुत करने के बाद राशि नहीं देने पर जिला उपभोक्ता फोरम ने सेवा सहकारी समिति मर्यादित मोहरेंगा, जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक और इफको टोक्यो जनरल इंश्योरैंस
दुर्गः कृषक पिता की सर्पदंश से मृत्यु होने पर उत्तराधिकारी बेटे द्वारा क्लेम आवेदन प्रस्तुत करने के बाद राशि नहीं देने पर जिला उपभोक्ता फोरम ने सेवा सहकारी समिति मर्यादित मोहरेंगा, जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक और इफको टोक्यो जनरल इंश्योरैंस कम्पनी रायपुर को एक माह के भीतर कुल 5 लाख 5 हजार जमा करने का आदेश दिया है।
क्या है मामला
बेमेतरा जिला के ग्राम मोहरेंगा निवासी मालिक राम यादव (34) ने अपनी शिकायत में बताया कि उसके पिता राम यादव 19 जुलाई, 2016 को खेत में कार्य कर रहे थे। इसी बीच उन्हें सर्प ने डंस लिया था। उन्हें प्राथमिक उपचार के लिए बेमेतरा अस्पताल ले जाया गया। स्थिति बिगडऩे पर जिला अस्पताल ले जाते समय उनकी मौत हो गई। शिकायतकर्त्ता ने बताया कि पिता की मौत के बाद वर्ष 2016 में उसने क्लेम राशि लेने के लिए बीमा कम्पनी के समक्ष आवश्यक दस्तावेज के साथ आवेदन प्रस्तुत किया था।
बीमा कम्पनी ने उसके प्रकरण का निराकरण किए बिना ही आवेदन निरस्त कर दिया। बाद में दोबारा आवेदन प्रस्तुत करने के पश्चात उसका भी निराकरण नहीं किया। उसने कहा कि वह कम पढ़ा-लिखा है। पिता की मृत्यु के बाद उसे जानकारी मिली थी कि किसान क्रैडिट कार्ड को आधार बनाकर बैंक ने प्रीमियम राशि काट कर उसके पिता का व्यक्तिगत बीमा किया था। बीमा शर्तों के हिसाब से मृत्यु के बाद 5 लाख रुपए मिलने थे। बैंक का कहना था कि परिवादी ने उनके पास किसी तरह का आवेदन प्रस्तुत नहीं किया है। अगर आवेदन प्रस्तुत करता तो उसे बीमा कम्पनी के समक्ष प्रस्तुत किया जाता। बीमा का भुगतान करने का अधिकार उनके पास नहीं है इसलिए उन्हें परिवाद से पृथक किया जाए।
यह कहा फोरम ने
जिला उपभोक्ता फोरम के सदस्य राजेन्द्र पाध्ये व लता चंद्राकर ने इस मामले में सेवा सहकारी समिति मर्यादित मोहरेंगा, जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक और इफको टोक्यो जनरल इंश्योरैंस कम्पनी रायपुर को दोषी ठहराते हुए एक माह के भीतर 5 लाख 5 हजार जमा करने का आदेश दिया है। इस राशि में क्लेम राशि 5 लाख और वाद व्यय 5,000 रुपए शामिल है। क्लेम राशि में 12 प्रतिशत ब्याज भी देना होगा।