Edited By jyoti choudhary,Updated: 15 Feb, 2022 05:53 PM
स्विट्जरलैंड की ब्रोकरेज कंपनी यूबीएस का मानना है कि जनवरी में खुदरा मुद्रास्फीति बढ़कर 6.01 प्रतिशत होने और अप्रैल तक इसके इसी स्तर पर रहने की आशंका के बावजूद अगली मौद्रिक समीक्षा में नीतिगत दरों में कोई बदलाव होने की संभावना नहीं दिख
मुंबईः स्विट्जरलैंड की ब्रोकरेज कंपनी यूबीएस का मानना है कि जनवरी में खुदरा मुद्रास्फीति बढ़कर 6.01 प्रतिशत होने और अप्रैल तक इसके इसी स्तर पर रहने की आशंका के बावजूद अगली मौद्रिक समीक्षा में नीतिगत दरों में कोई बदलाव होने की संभावना नहीं दिख रही है। यूबीएस सिक्योरिटीज इंडिया की मुख्य अर्थशास्त्री तन्वी गुप्ता जैन ने मंगलवार को कहा कि मुद्रास्फीति के ताजा आंकड़े काफी हद तक अनुमान के अनुरूप ही हैं और इसके पीछे प्रतिकूल आधार प्रभाव और आपूर्ति संबंधी पहलू हैं।
उन्होंने कहा कि खुदरा मुद्रास्फीति बढ़ने और इसके अप्रैल तक छह फीसदी के आसपास ही रहने के पूर्वानुमान के बावजूद रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति वर्ष 2022 की पहली छमाही में नीतिगत ब्याज दरों में बढ़ोतरी करने से परहेज करेगी।
सोमवार को घोषित खुदरा मुद्रास्फीति आंकड़ों के मुताबिक, जनवरी में यह 6.01 प्रतिशत हो गई है। वहीं थोक मुद्रास्फीति दर दहाई अंक में 12.96 प्रतिशत रही है। हालांकि, उन्होंने कहा कि इस साल की दूसरी तिमाही में मौद्रिक नीति समिति अगस्त में ब्याज दरों में आधा प्रतिशत की बढ़ोतरी करने का फैसला ले सकती है।