Edited By jyoti choudhary,Updated: 06 Jan, 2020 03:40 PM
साल 2019 ऑटो इंडस्ट्री के लिए सबसे खराब साबित हुआ। साल 1998 के बाद पहली बार पैसेंजर व्हीकल में सबसे 13 फीसदी की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई। लेकिन एसयूवी सेगमेंट में ऑटो सेक्टर में जारी आर्थिक सुस्ती का असर नहीं देखा गया।
नई दिल्लीः साल 2019 ऑटो इंडस्ट्री के लिए सबसे खराब साबित हुआ। साल 1998 के बाद पहली बार पैसेंजर व्हीकल में सबसे 13 फीसदी की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई। लेकिन एसयूवी सेगमेंट में ऑटो सेक्टर में जारी आर्थिक सुस्ती का असर नहीं देखा गया। एसयूवी की बिक्री में पिछले साल करीब एक तिहाई बढ़ोतरी दर्ज की गई। जिन एसयूवी की सबसे ज्यादा बिक्री हुई, उसमें एमजी हेक्टर, किआ सेल्टॉस, टाटा हैरियर शामिल हैं।
एसयूवी की हिस्सेदारी महज 2 फीसदी
हालांकि देश में बिकने वाली कुल पैंसेंजर व्हीकल में प्रीमियम एसयूवी का हिस्सा महज 2 फीसदी है। हालांकि ग्राहकों की डिमांड के चलते अंदाजा लगाया जा रहा है कि अगले 4 से 5 साल में एसयूवी की बिक्री में 5 गुना की बढ़ोत्तरी दर्ज की जा सकती है। ऐसे में अगले पांच भारतीय मार्केट में एसयूवी की हिस्सेदारी बढ़कर 8 से 10 फीसदी हो सकती है।
एमजी हेक्टर एसयूवी बिक्री में रही अव्वल
अगर साल 2019 की दूसरी छमाही (जुलाई से दिसंबर) की बात करें, तो इस दौरान सबसे ज्यादा एमजी हेक्टर की 15,930 यूनिट एसयूवी बिकी। 6,962 यूनिट बिक्री के साथ महिंद्रा एक्सयूवी 300 दूसरे स्थान पर रही। जबकि टाटा हैरियर की 5,836 यूनिट और जीप कंपास की 3,951 यूनिट बिकी।