NBFC के लिए कर्ज सहायता का अंतिम ठिकाना नहीं बन सकता RBI: आचार्य

Edited By jyoti choudhary,Updated: 05 Dec, 2018 07:20 PM

no need for rbi to help nbfcs as lender of last resort acharya

रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य ने बुधवार को कहा कि वित्तीय संकट में फंसे एनबीएफसी क्षेत्र के लिए गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) क्षेत्र के लिए केंद्रीय बैंक मदद का कोई आखिरी ठिकाना नहीं बन सकता।

मुंबईः रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य ने बुधवार को कहा कि वित्तीय संकट में फंसे एनबीएफसी क्षेत्र के लिए गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) क्षेत्र के लिए केंद्रीय बैंक मदद का कोई आखिरी ठिकाना नहीं बन सकता। उन्होंने साथ ही कहा कि कर्ज के लिए धन की कमी की समस्या दूर करने के लिए पिछले दो महीनों में जो उपाय किये गये हैं उससे इस क्षेत्र की धन की कठिनाई कम हुई है।

आचार्य ने एनबीएफसी कंपनियों की वित्तीय समस्या उजागर होने के बाद से उठाए गए कदमों को गिनाते हुए बुधवार को कहा कि केंद्रीय बैंक वित्तीय प्रणाली में नकदी की समस्या के समाधान के सिद्धांतों के अनुसार चलता है। उन्होंने 5वीं द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा के बाद औपचारिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘आरबीआई अंतिम ऋणदाता की भूमिका भी निभाता है लेकिन यह इस बात पर निर्भर करता है कि इस तरह के बिरले कदम के लिए परिस्थिति है भी या नहीं।हमारा जो आकलन है उसमें फिलहाल इस प्रकार की जरूरत नहीं है।’’

आचार्य ने कहा कि अर्थव्यवस्था की स्थिति मजबूत है जहां कर्ज में वृद्धि मौजूदा बाजार मूल्य पर जीडीपी वृद्धि दर से ऊपर है तथा विभिन्न क्षेत्रों में इसका उपयुक्त वितरण है। ऐसे में आरबीआई को भरोसा है कि किसी क्षेत्र के लिए इस प्रकार के किसी विशेष समर्थन की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि आरबीआई ने विभिन्न कदमों के जरिए पूरी प्रणाली में कर्ज के लिए धन की उपलब्धता में बढ़ोतरी की है। विभिन्न रिपोर्ट के अनुसार सरकार उस एनबीएफसी के लिये विशेष कर्ज सुविधा चाहती है। उनका कहना है कि उनके साथ लाखों लोगों का रोजगार जुड़ा है।
 

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