Edited By Punjab Kesari,Updated: 08 Jan, 2018 04:44 PM
उद्योग मंडल एसोचैम ने सरकार को जी.एस.टी. संग्रह में कमी को लेकर बिना सोचे समझे कोई प्रतिक्रिया नहीं देने को लेकर आगाह किया है। उसने कहा कि प्रणाली में खामी के दूर होते ही राजस्व संग्रह में तेजी आएगी। माल एवं सेवा कर (जी.एस.टी.) संग्रह लगातार दूसरे...
नई दिल्लीः उद्योग मंडल एसोचैम ने सरकार को जी.एस.टी. संग्रह में कमी को लेकर बिना सोचे समझे कोई प्रतिक्रिया नहीं देने को लेकर आगाह किया है। उसने कहा कि प्रणाली में खामी के दूर होते ही राजस्व संग्रह में तेजी आएगी। माल एवं सेवा कर (जी.एस.टी.) संग्रह लगातार दूसरे महीने नवंबर में घटकर 80,808 करोड़ रुपए रहा जो इससे पूर्व महीने में 83,000 करोड़ रुपए था।
एसोचैम के अध्यक्ष संदीप जाजोदिया ने कहा कि जी.एस.टी. के क्रियान्वयन और संबंधित समस्याओं पर ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘‘कर राजस्व में गिरावट के कारण बिना सोचे विचारे प्रतिक्रिया देने की आवश्यकता नहीं है। तकनीकी खामियों के समाधान के साथ राजस्व संग्रह में वृद्धि होनी चाहिए।’’ मौजूदा सरकार के अंतिम पूर्ण बजट पर जाजोदिया ने कहा कि उद्योग जगत के हिसाब से जिन चीजों पर ध्यान देने की जरूरत है, उसमें बैंकों के एन.पी.ए. (गैर-निष्पादित परिसंपत्ति) को लेकर समस्याएं शामिल है। यह बैंक और कंपनियों दोनों के बही-खातों से जुड़ा है।
उन्होंने कहा कि दूसरी प्राथमिकता निजी निवेश को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाने पर होना चाहिए। पिछले कुछ साल से इस पर ध्यान नहीं दिया जा रहा। एसोचैम के अध्यक्ष ने कहा कि इसके अलावा वित्त की लागत में कमी के साथ निजी क्षेत्र को रेलवे जैसे क्षेत्रों में सक्रियता से जोड़ा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि बुनियादी ढांचा एवं ग्रामीण क्षेत्रों में विकास पर भी विशेष ध्यान देने की जरूरत है।