GDP के लिए 2020-21 को आधार वर्ष बनाने की कोई योजना नहीं: सरकार

Edited By jyoti choudhary,Updated: 04 Apr, 2022 04:43 PM

no plan to make 2020 21 base year for gdp government

सरकार ने सोमवार को संसद में कहा कि सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) संबंधित स्थिर मूल्य गणना के लिए 2020-21 को आधार वर्ष बनाने की कोई योजना नहीं है। इसके साथ ही सरकार ने कहा कि वैश्विक महामारी कोविड-19 की शुरूआत के कारण 2020-21 में आर्थिक गतिविधियां काफी...

नई दिल्लीः सरकार ने सोमवार को संसद में कहा कि सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) संबंधित स्थिर मूल्य गणना के लिए 2020-21 को आधार वर्ष बनाने की कोई योजना नहीं है। इसके साथ ही सरकार ने कहा कि वैश्विक महामारी कोविड-19 की शुरूआत के कारण 2020-21 में आर्थिक गतिविधियां काफी प्रभावित हुई थीं और आधार संशोधन के लिए अपेक्षित डाटा एकत्र करने में भी बाधा आई। इस वजह से आधार वर्ष संशोधन के लिए 2020-21 पर विचार करने की उसकी कोई योजना नहीं है। 

सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन तथा योजना मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी। उनसे सवाल किया गया था कि क्या सरकार जीडीपी संबंधित स्थिर मूल्य गणना के लिए 2020-21 को आधार वर्ष बनाने की योजना बना रही है। उन्होंने कहा, ‘‘ वर्तमान में, सरकार की जीडीपी संबंधित स्थिर मूल्य गणना का आधार वर्ष 2020-21 करने की कोई योजना नहीं है।'' 

मंत्री ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के ‘सिस्टम ऑफ नेशनल एकाउंट्स' (यूएन एसएनए)-2008 के अनुसार, सदस्य देशों से अपेक्षा की जाती है कि वे अर्थव्यवस्था में संरचनात्मक बदलावों की बेहतर समझ के लिए समय-समय पर वृहद-आर्थिक संकेतकों जैसे जीडीपी, सकल मूल्य वर्धन (जीवीए), औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी), उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आदि के आधार वर्ष में संशोधन करें। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय लेखा के आधार वर्ष में संशोधन संबंधी कार्य राष्ट्रीय लेखा सांख्यिकी संबंधी सलाहकार समिति (एसीएनएएस) के मार्गदर्शन में किया जाता है जिसमें केंद्र और राज्य सरकार, शिक्षा क्षेत्र, भारतीय रिजर्व बैंक के विशेषज्ञ तथा अन्य क्षेत्रों के विशेषज्ञ शामिल होते हैं। 

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय लेखा सांख्यिकी संबंधी सलाहकार समिति ने विगत में वर्ष 2017-18 को नए आधार वर्ष के रूप में मानने की अनुशंसा की थी लेकिन 30 अक्टूबर, 2019 को आयोजित एसीएनएएस की पिछली बैठक में, यह निर्णय लिया गया था कि वर्ष 2017- 18 को नया आधार वर्ष नहीं माना जा सकता चूंकि यह साधारण वर्ष नहीं था। सिंह ने कहा कि यह निर्णय लिया गया था कि संशोधन के लिए 2017-18 के बजाय 2020-21 को आधार वर्ष माना जा सकता है लेकिन 2020 में वैश्विक महामारी कोविड-19 की शुरूआत के कारण वर्ष 2020-21 में आर्थिक गतिविधियां काफी प्रभावित हुईं और अपेक्षित डाटा एकत्र करने में भी बाधा उत्पन्न हुई जिसे देखते हुए आधार वर्ष संशोधन के लिए सरकार की वर्ष 2020-21 पर विचार करने की कोई योजना नहीं है। 

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