यस बैंक पर बोलीं सीतारमण- साल 2017 से चल रही थी निगरानी, गड़बड़ी करने वाले की होगी पहचान

Edited By jyoti choudhary,Updated: 06 Mar, 2020 06:19 PM

no statement of finance minister will be lost on yes bank

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की यस बैंक पर पाबंदी की कार्रवाई के बाद ग्राहकों में बेचैनी बढ़ गई है। हालांकि, सरकार की ओर से बार-बार खाताधारकों को पैसे सुरक्षित रहने का भरोसा दिलाया जा रहा है। इस बीच, यस बैंक के लिए आरबीआई ने री-स्‍ट्रक्‍चरिंग प्‍लान का...

नई दिल्लीः रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की यस बैंक पर पाबंदी की कार्रवाई के बाद ग्राहकों में बेचैनी बढ़ गई है। हालांकि, सरकार की ओर से बार-बार खाताधारकों को पैसे सुरक्षित रहने का भरोसा दिलाया जा रहा है। इस बीच, यस बैंक के लिए आरबीआई ने री-स्‍ट्रक्‍चरिंग प्‍लान का ऐलान किया है। ये प्‍लान एक महीने के भीतर ही लाया जाएगा। इस प्‍लान को सुझाव के लिए एसबीआई और यस बैंक को भेज दिया गया है।

इस बीच, वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कॉन्‍फ्रेंस कर यस बैंक के संकट पर विस्‍तार से बात की। उन्‍होंने बताया कि एसबीआई ने यस बैंक में हिस्‍सेदारी खरीदने में दिलचस्‍पी दिखाई है। निवेशक बैंक अगले तीन साल के लिए 49 फीसदी हिस्‍सेदारी ले सकता है। वहीं अपनी हिस्‍सेदारी 26 फीसदी से कम नहीं कर सकता है। इसके अलावा यस बैंक का नया बोर्ड री-स्‍ट्रक्‍चरिंग प्‍लान के बाद बैंक को टेकओवर करेगा। दरअसल, आरबीआई ने यस बैंक के डायरेक्‍टर बोर्ड को भंग कर दिया था। इसके बाद एसबीआई के सीएफओ प्रशांत कुमार को एडमिनिस्‍ट्रेशन की जिम्‍मेदारी सौंपी गई है।

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बैंक ने लिए जोखिम भरे निर्णय
निर्मला सीतारमण ने बताया‍ कि यस बैंक द्वारा नियमों का पालन नहीं किया जा रहा था। बैंक ने जोखिम भरे क्रेडिट निर्णय लिए थे। यस बैंक ने अनिल अंबानी, एसेल ग्रुप, डीएचएफएल, वोडाफोन जैसी कंपनियों को लोन दिया जो डिफॉल्ट हुए हैं। ये सभी मामले 2014 से पहले यानी यूपीए शासनकाल के हैं।

-निर्मला सीतारमण ने कहा, मैंने RBI से आकलन करने के लिए कहा है कि बैंक में इन कठिनाइयों का क्या कारण है। इसके साथ-साथ समस्या के लिए व्यक्तिगत रूप से कौन ज़िम्मेदार हैं, उनकी पहचान की जाए।
- यस बैंक में जमा राशि और देनदारियां प्रभावित नहीं होंगी। कम से कम एक साल के लिए बैंक में काम करने वालों का रोजगार और वेतन सुनिश्चित किया जाएगा।
- निर्मला सीतारमण ने बताया कि यस बैंक के मामले को लेकर वह मई 2019 के बाद से ही आरबीआई के संपर्क में थीं। वहीं सितंबर 2019 से यस बैंक पर सेबी की नजर है। बता दें कि सेबी शेयर बाजार को रेग्‍युलेट करता है।
- निर्मला सीतारमण ने बताया कि साल 2017 से आरबीआई, यस बैंक पर निगरानी कर रहा था। वहीं 2018 में केंद्रीय बैंक ने यस बैंक में गड़बड़ी की पहचान कर ली थी, जबकि 2019 में यस बैंक पर 1 करोड़ रुपए का जुर्माना भी लगाया गया था।

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इससे पहले निर्मला सीतारमण ने संसद परिसर में मीडिया से बात करते हुए खाताधारकों को भरोसा दिया है कि उनका पैसा डूबने नहीं दिया जाएगा। निर्मला सीतारमण ने कहा कि बैंक के खाताधारकों का पैसा सुरक्षित है। खाताधारकों को चिंतित होने की जरूरत नहीं है, वित्त मंत्री ने कहा कि रिजर्व बैंक के अधिकारी समस्या का समाधान निकालने में जुटे हुए हैं।

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वित्त मंत्री के मुताबिक पिछले कुछ महीनों से हम सभी स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं। जो कदम उठाए गए हैं वो जमाकर्ताओं, बैंक और अर्थव्यवस्था के हित में हैं। ये बीते कई महीनों से चल रहा था तो ऐसा नहीं है कि ये अचानक आ गया है, हम हालात पर लगातार नजर रखे हुए थे।

इसका समाधान निकालने के लिए रिजर्व बैंक अपनी पूरी ताकत लगा रहा है। इसके आगे निर्मला सीतारमण ने कहा कि अगर किसी के घर में शादी या कोई बड़ा खर्चा है तो इन सबके लिए कानूनी प्रावधान हैं। रिजर्व बैंक के नियुक्त अधिकारी उनको जरूरी खर्च के लिए जो पैसा देना है वो देंगे उनको राहत मिलेगी। 

यस बैंक मामले को लेकर एसबीआई के चेयरमैन रजनीश कुमार ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात की और कहा पैनिक करने की जरूरत नहीं है। हम लोग सिस्टम बना रहे हैं। ग्राहकों के जमा किए हुए पैसे पूरी तरह से सुरक्षित हैं। वोडाफोन के मुखिया ने भी वित्त मंत्री से मुलाकात की लेकिन मुलाकात के बाद उन्होंने मीडिया से बात करने से इनकार कर दिया। 

 

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