Edited By jyoti choudhary,Updated: 03 Aug, 2019 06:22 PM
नोएडा और ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी आम्रपाली मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी। आम्रपाली बिल्डर पर उनके करीब 5,400 करोड़ रुपए बकाया हैं। पिछले महीने कोर्ट ने आम्रपाली रजिस्ट्रेशन को कैंसल कर दिया था और दोनों शहरों में एनबीसीसी
नोएडाः नोएडा और ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी आम्रपाली मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी। आम्रपाली बिल्डर पर उनके करीब 5,400 करोड़ रुपए बकाया हैं। पिछले महीने कोर्ट ने आम्रपाली रजिस्ट्रेशन को कैंसल कर दिया था और दोनों शहरों में एनबीसीसी को हाउसिंग प्रॉजेक्ट पूरा करने के लिए कहा था।
उसी समय, सुप्रीम कोर्ट ने 23 जुलाई को दोनों अथॉरिटी के आम्रपाली के हाउसिंग प्रॉजेक्ट पर किसी तरह के दावे पर रोक लगा दी थी। इसके बजाए कोर्ट ने अथॉरिटी से डिवलेपर की दूसरी प्रोपर्टी को बेचकर उससे अपनी बकाया राशि वसूलने के लिए कहा था। इसके अलावा कोर्ट ने अथॉरिटी को इशू कंप्लीशन सर्टिफिकेट जारी करने और एक महीने के अंदर त्रिपक्षीय समझौते को पूरा करने के लिए कहा, जहां होमबायर्स रह रहे हैं, इसके साथ ही कोर्ट ने उन्हें पानी और बिजली मुहैया कराने के लिए कहा।
हालांकि अधिकारियों का कहना है कि डिवेलपर्स की प्रोपर्टी की कीमत इतनी नहीं है जिससे उनके बकाया क्लियर हो सकें। इसलिए 9 अगस्त को होने वाली अगली सुनवाई से पहले वे इस बकाया राशि को लेकर एक ऐप्लीकेशन फाइल करना चाहते हैं।
नोएडा अथॉरिटी की सीईओ रितु महेश्वरी ने कहा, 'हमें इस बात पर अधिक स्पष्टता की जरूरत है कि हमारा बकाया राशि का भुगतान कैसे होगा, रजिस्ट्री के लिए कौन आवेदन करेगा और कंप्लीशन सर्टिफिकेट कैसे और किसको जारी किया जाएगा। हमारी कानूनी टीम रिप्रजेंटेशन पर काम कर रही है जो सुनवाई की अगली तारीख पर होगा।' उन्होंने आगे कहा कि 8 सदस्यों की नोडल टीम बनाई गई है जो नई रजिस्ट्री और बायर्स के मुद्दे पर काम करेगी। फैसले के मुताबिक बिजली और पानी के लिए हमने उनसे संबंधित डिपार्टमेंट को चिट्ठी भेज दी है।'