Edited By Isha,Updated: 20 Dec, 2018 02:10 PM
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि नारों से नहीं, बल्कि ठोस नीति से गरीबी उन्मूलन किया जा सकता है और लोगों की आकांक्षाओं को पूरा किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि स्लोगन या नारे कुछ समय तक
नई दिल्लीः वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि नारों से नहीं, बल्कि ठोस नीति से गरीबी उन्मूलन किया जा सकता है और लोगों की आकांक्षाओं को पूरा किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि स्लोगन या नारे कुछ समय तक याद रहते हैं, लोग जल्द जान जाते हैं कि उनको लागू नहीं किया जा सकता। नीति आयोग द्वारा तैयार ‘नव भारत की रणनीति 75 को जारी करने के बाद जेटली ने कहा कि इस बात पर बहस हो सकती है कि नारे अधिक काम करते हैं या ठोस नीति। जेटली ने कहा, लोकतंत्र में इस तरह की बहस हमेशा होती है।
काफी ऊंची आकांक्षा रखने वाले और कम धैर्य रखने वाले लोग दो या तीन दिन बाद ही नारों को वास्तविकता में बदलने को लेकर सवाल उठाने लगते हैं। उन्होंने कहा कि वहीं दूसरी ओर ठोस और मजबूत नीति अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाती है और यह अंतत: उन्हें गरीबी से निकालकर बेहतर जीवन प्रदान करती है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को कहा था कि उनकी पार्टी और अन्य विपक्षी दल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर किसानों का कर्ज माफ करने के लिए दबाव बनाएंगे।
यदि मोदी सरकार ऐसा नहीं करती है तो 2019 के आम चुनाव के बाद कांग्रेस किसानों का कर्ज माफ करेगी। नीति आयोग के दस्तावेज पर जेटली ने कहा कि यह सरकार के लिए लाभकारी होगा। दस्तावेज में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर को आठ प्रतिशत पर पहुंचाने और देश को 2030 तक 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य तय किया गया है।