Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Mar, 2018 04:34 AM
नोटबंदी व जी.एस.टी. का बुरा असर अभी तक कारोबारियों व उद्योगपतियों पर नजर आ रहा है। एक तरफ जहां छोटे व मझौले उद्योग बंद होने की कगार पर हैं तो दूसरी तरफ बड़े उद्योगपति अब देश से पलायन कर रहे हैं। राज्य से कई उद्योगपतियों ने अपने कारोबार विदेशों में...
जालंधर: नोटबंदी व जी.एस.टी. का बुरा असर अभी तक कारोबारियों व उद्योगपतियों पर नजर आ रहा है। एक तरफ जहां छोटे व मझौले उद्योग बंद होने की कगार पर हैं तो दूसरी तरफ बड़े उद्योगपति अब देश से पलायन कर रहे हैं। राज्य से कई उद्योगपतियों ने अपने कारोबार विदेशों में शिफ्ट कर लिए हैं। इसका कारण केंद्र व राज्य सरकार की गलत नीतियां हैं।
कनाडा, अमरीका और यू.के. उद्योगपतियों की पहली पसंद बने हुए हैं। अकाली-भाजपा सरकार के 10 साल के कार्यकाल में जहां 20,000 इंडस्ट्री के बंद होने का आंकड़ा दिखाया जा रहा था, वहीं पिछले 2 साल के भीतर ही पंजाब की 200 के करीब बड़ी इंडस्ट्री यहां से पलायन कर चुकी है। इसमें घरेलू व मल्टीनैशनल इंडस्ट्री तक शामिल हैं। जी.एस.टी. व नोटबंदी के बोझ तले दबे कारोबारियों व उद्योगपतियों को राज्य सरकार भी कोई लाभ नहीं दे पाई है। लंबे समय से इंडस्ट्री पालिसी लटकी हुई है और इंडस्ट्री को चारों तरफ से दबाया जा रहा है। कमाई की बात तो दूर कई को तो अपनी लागत भी नहीं मिल पा रही है।
रियल एस्टेट कारोबारियों ने राज्य में कारोबार करने से की तौबा
सबसे बुरा असर राज्य के रियल एस्टेट कारोबार पर पड़ा है। पिछले 10 साल में अकाली-भाजपा के राज में यह कारोबार बर्बादी की कगार पर पहुंच गया था। लोगों को उम्मीद थी कि जब-जब कांग्रेस सरकार राज्य में आई है तो प्रापर्टी व रियल एस्टेट कारोबार में बूम आया है। मगर पिछले एक साल से कांग्रेस सरकार भी पूर्व सरकार के ढर्रे पर ही चल रही है। नई नीतियां बनाने या कुछ रिलैक्सेशन देने की बजाय कई तरीके की पाबंदियां थोपी जा रही हैं। जिस कारण पंजाब का बड़ा रियल एस्टेट कारोबारी पहले ही विदेशों में शिफ्ट हो चुका है। खास तौर पर कनाडा में जिस तरह से प्रापर्टी में बूम आया है, उसका वहां की सरकार स्वागत कर रही है।
मजदूर भी अपने घरों को लौटे
इंडस्ट्री के राज्य से पलायन के साथ-साथ मजदूरों भी अपने घरों को लौट गए हैं। बिहार, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड से आने वाला मजदूर यहां खुद को ठगा महसूस कर रहा है। पिछले 2 साल में पंजाब से 50 प्रतिशत मजदूर अपने घरों को जा चुके हैं क्योंकि अब उसे न तो पंजाब में काम मिल रहा है और न ही पहले जैसी मजदूरी।
केंद्र सरकार की नीतियों से तंग हैं व्यापारी: कैप्टन
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह का कहना है कि अकाली-भाजपा सरकार ने पंजाब को कंगाली की हालत में पहुंचा दिया है। ऊपर से जिस तरह से केंद्र सरकार ने जी.एस.टी. और नोटबंदी थोपी है, उससे कारोबारियों की कमर टूट गई है। पंजाब सरकार जल्द ही नई इंडस्ट्री पालिसी ला रही है। उद्योगों को राहत देने के लिए पहले ही इंडस्ट्री को बिजली 5 रुपए यूनिट कर दी गई है। आने वाले कुछ समय में पंजाब सरकार रियल एस्टेट कारोबार को भी कई तरह के तोहफे देने जा रही है।
बढ़ता क्राइम भी चिंता का विषय
पंजाब में बढ़ता क्राइम भी उद्योगपतियों व कारोबारियों के लिए चिंता का विषय है, इसलिए अधिकांश बड़े व्यापारियों को अपने परिवार की चिंता सताने लगी है। यहां पैसा निवेश करने की बजाय वे परिवार समेत विदेशों में पैसा इंवैस्ट कर रहे हैं और वहीं अपना घर भी जमा रहे हैं।