Edited By jyoti choudhary,Updated: 16 Sep, 2018 05:18 PM
महाराष्ट्र सरकार ने 1,200 करोड़ रुपए से अधिक के ऋण की अदायगी नहीं करने वाले राज्य के सहकारी चीनी मिलों को नोटिस भेजा है। एक अधिकारी ने बताया कि कुछ जिला सहकारी केंद्रीय (डीसीसी) बैंक विपक्षी कांग्रेस एवं राकांपा नेताओं
मुंबईः महाराष्ट्र सरकार ने 1,200 करोड़ रुपए से अधिक के ऋण की अदायगी नहीं करने वाले राज्य के सहकारी चीनी मिलों को नोटिस भेजा है। एक अधिकारी ने बताया कि कुछ जिला सहकारी केंद्रीय (डीसीसी) बैंक विपक्षी कांग्रेस एवं राकांपा नेताओं के नियंत्रण वाले सहकारी चीनी मिलों द्वारा ऋण की अदागयी नहीं किए जाने की वजह से संकट में हैं।
राज्य के वित्त मंत्री सुधीर मुंगन्तीवार ने सहकारी विभाग को ऐसी सहकारी संस्थाओं द्वारा लिए गए ऋण और उनके द्वारा अब तक किए गए भुगतान के विवरण के साथ एक ‘श्वेत पत्र’ लाने का निर्देश दिया है। हालांकि कांग्रेस प्रवक्ता सचिन सावंत ने कहा कि श्वेत पत्र का प्रकाशन भाजपा की निराशा को दिखाता है क्योंकि भाजपा की सरकार सभी मोर्चों पर पूरी तरह ‘विफल’ साबित हुई है। उन्होंने भाजपा पर बदले की राजनीति करने का आरोप लगाया। सावंत ने श्वेत पत्र लाने के फैसले को ‘पूर्वाग्रह से ग्रस्त कार्रवाई’ करार दिया।
राकांपा प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा कि भाजपा और शिवसेना पिछले 4 साल से सत्ता में हैं और अगर उन्हें कोई अनियमितता मिली होती तो वे पहले भी श्वेत पत्र ला सकते थे। उन्होंने कहा कि सरकार इसके जरिए अपनी विफलताओं को छिपाना चाहती है। सहकारी और विपणन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कांग्रेस एवं राकांपा के ‘बड़े’ नेताओं के नियंत्रण वाले 11 सहकारी चीनी मिलों को ऋण देने के कारण पांच डीसीसी बैंक मुश्किलों का सामना कर रहे हैं। ये बैंक सोलापुर, वर्धा, नासिक, बुलढाना और उस्मानाबाद जिले के हैं।