मामूली डिफॉल्ट्स के लिए हजारों टैक्सपेयर्स को मिला नोटिस

Edited By jyoti choudhary,Updated: 20 Jan, 2019 01:03 PM

notice to thousands of taxpayers for minor defaults

छोटी सी गलती करने वाले हजारों करदाताओं के पास आयकर विभाग का नोटिस पहुंचा है। ये लोग इन नोटिसों को मिलने के बाद से ही बेहद चिंता में हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि इन्हें मिले नोटिसों में जो धाराएं दी गई हैं, उनमें कई साल तक की सजा की बात भी कही गई है।

मुंबईः छोटी सी गलती करने वाले हजारों करदाताओं के पास आयकर विभाग का नोटिस पहुंचा है। ये लोग इन नोटिसों को मिलने के बाद से ही बेहद चिंता में हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि इन्हें मिले नोटिसों में जो धाराएं दी गई हैं, उनमें कई साल तक की सजा की बात भी कही गई है। 

ऐसी ही एक महिला है मृदु (बदला हुआ नाम)। 2 साल पहले शुरू हुई उनकी कंटेंट कंपनी में केवल 6 कर्मचारी काम करते हैं। मृदु को नोटिस मिलने के बाद से जेल जाने का डर सता रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि उन्होंने अपने कर्मियों की सैलरी से लिया गया टीडीएस भरने में 30 दिनों की देरी कर दी। टीडीएस न जमा कराने पर सरकार कुछ धाराओं का इस्तेमाल करती है, जिसके तहत तीन महीने से लेकर 7 साल तक की सजा का प्रावधान है।

PunjabKesariमृदु को दिए नोटिस में आईटी एक्ट की 276बी और 278बी धाराओं का प्रावधान है। लिखा है कि क्यों ना उनके खिलाफ कार्यवाही की जाए। मृदु का कहना है कि उनके केवल 4 कर्मचारियों की सैलरी छूट सीमा 2.5 लाख रुपए से अधिक है। उनका कहना है कि उन्होंने टीडीएस बेशक महीने भर की देरी से जमा कराया लेकिन वित्त वर्ष के दौरान ही जमा कराया था।

PunjabKesariजानकारी के मुताबिक 2018 में हजारों लोगों को नोटिस भेजा गया है। इसके पीछे का कारण ये भी है कि सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (सीबीडीटी) के चेयरमैन सुशील चंद्रा ने राजस्व बढ़ाने के लिए अपने काडर को लिखे खत में कहा है कि टीडीएस जमा कराने में डिफॉल्ट करने वालों पर सीबीडीटी एक्शन प्लान के तहत महाभियोग चलाया जाए। आईटी अधिकारियों को नेटिस भेजने का टारगेट तक दिया जाता है।

PunjabKesariबताया जा रहा है कि टीडीएस लेट पेमेंट, सेल्फ असेसमेंट टैक्स में देरी, टैक्स रिटर्न नॉन फाइलिंग में देरी जैसी छोटी गलतियां करने पर भी नोटिस भेजे जा रहे हैं। इन नोटिसों का जवाब देने के लिए भी करदाताओं को काफी कम समय मिल रहा है। केवल इतना ही नहीं कई वेतनभोगी कर्मचारियों को भी नोटिस भेजा जा रहा है। हालांकि कई संगठन ऐसा किए जाने का विरोध कर रहे हैं। इनका कहना है कि दंडात्मक कार्यवाही की बात गलत है और जवाब देने के लिए भी कम समय दिया जा रहा है।

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