Edited By rajesh kumar,Updated: 10 Nov, 2020 01:36 PM
बिजली मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि उसने सभी वितरण कंपनियों के लिये ऊर्जा संरक्षण (ईसी) कानून, 2001 के अनुपालन को अनिवार्य किया है। इससे बिजली नुकसान में कमी आएगी और क्षेत्र में पारदर्शिता बढ़ेगी।
नई दिल्ली: बिजली मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि उसने सभी वितरण कंपनियों के लिये ऊर्जा संरक्षण (ईसी) कानून, 2001 के अनुपालन को अनिवार्य किया है। इससे बिजली नुकसान में कमी आएगी और क्षेत्र में पारदर्शिता बढ़ेगी। अबतक जिन बिजली वितरण कंपनियों का नुकसान 100 करोड़ यूनिट या उससे अधिक था, उन्हें ही नामित उपभोक्ता अधिसूचित किया जाता था और वे ईसी कानून के दायरे में आते थे।
आधिकारिक बयान के अनुसार मंत्रालय ने सभी विद्युत वितरण कंपनियों को ईसी कानून के अंतर्गत लाने को लेकर 28 सितंबर, 2020 को अधिसूचना जारी की थी। ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (बीईई) के साथ विचार-विमर्श कर तैयार अधिसूचना के अनुसार, ‘सभी इकाइयां जिन्हें राज्य/संयुक्त विद्युत नियामक आयोग ने विद्युत कानून, 2003 के तहत वितरण लाइसेंस जारी किये थे, उन्हें विनिर्दिष्ट ग्राहक (डीसी)अधिसूचित किया जाता है।’
ऊर्जा दक्षता ब्यूरो बिजली मंत्रालय के अंतर्गत एक सांविधिक निकाय है। बीईई ऊर्जा दक्षता को बढ़ावा देने के लिये नीति और रणनीति के विकास से जुड़ा है। इस अधिसूचना के बाद, सभी वितरण कंपनियां अब ईसी कानून के दायरे में आ गयी हैं। इसके तहत उन्हें ऊर्जा प्रबंधक, ऊर्जा एकाउंटिंग और ऑडिट, श्रेणीबद्ध तरीके से ऊर्जा नुकसान को चिन्हित करने के साथ ऊर्जा संरक्षण और दक्षता उपायों को क्रियान्वित करना होगा।
इससे ईसी कानून के अंतर्गत आने वाली वितरण कंपनियों की संख्या 44 से बढ़कर 102 हो गयी है। इस निर्णय से सभी वितरण कंपनियों के लिये ऊर्जा एकाउंटिंग और ऑडिट अनिवार्य होगा। उन्हें नुकसान कम करने तथा लाभ बढ़ाने की दिशा में कदम उठाने होंगे। मंत्रालय के अनुसार इस संशोधन से वितरण कंपनियों को अपने प्रदर्शन मानदंडों को सुधारने में मदद मिलेगी और पेशेवरों की सलाह से वितरण क्षेत्र में पारदर्शिता आएगी।