Edited By jyoti choudhary,Updated: 07 Apr, 2018 01:52 PM
करीब 5 करोड़ से ज्यादा यूजर्स का डाटा लीक होने के बाद अब फेसबुक ने नया कदम उठाया है। फेसबुक पर यह भी आरोप है कि उसने कई देशों में लोकतांत्रिक चुनावों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की। इसके बाद फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग
न्यूयॉर्कः करीब 5 करोड़ से ज्यादा यूजर्स का डाटा लीक होने के बाद अब फेसबुक ने नया कदम उठाया है। फेसबुक पर यह भी आरोप है कि उसने कई देशों में लोकतांत्रिक चुनावों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की। इसके बाद फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने माफी भी मांगी और फिर कहा कि इंसान से गलती होती है, उन्हें एक और मौका दिया जाए। जुकरबर्ग ने शुक्रवार को एक फेसबुक पोस्ट के जरिए जानकारी देते हुए 2 कड़े कदम उठाने का फैसला लिया है।
फर्जी पेज पर लगाेगी लगाम
जकरबर्ग ने लिखा, "अमेरिका, मैक्सिको, ब्राजील, भारत और पाकिस्तान समेत कई देशों में अगले साल चुनाव होने हैं और 2018 के लिए हमारा उद्देश्य है कि हम इन चुनावों के लिए एक सकारात्मक माहौल बनाएं और उनमें हस्तक्षेप न करें। 2016 में अमेरिका में हुए चुनावों में रूस के हस्तक्षेप के बारे में पता लगाने के बाद हमने 2017 में नए टूल्स लगाए और कई जाली अकाउंट बंद किए। हमने आर्टिफिशियल टूल को भी डेवलप किया है जिसके जरिए कई फर्जी पेज और अकाउंट को हटाया गया। अब हम दो बड़े कदम उठाने जा रहे हैं।''
पैसे देने वाली संस्था का दिखेगा नाम
जकरबर्ग ने कहा कि जो भी विज्ञापनदाता अब राजनीतिक विज्ञापन देना चाहता है, उसे उसका वेरिफिकेशन कराना होगा और इसके लिए ऐडवर्टाइज़र को अपनी लोकेशन और पहचान कन्फर्म करानी होगी। जो भी ऐडवर्टाइज़र इन शर्तों को पूरा करने में असफल रहेगा, उसका विज्ञापन फेसबुक पर नहीं दिखाया जाएगा। इसके अलावा राजनीतिक विज्ञापनों को पैसा देने वाली संस्था का नाम भी उस पर पोस्ट किया जाएगा।
बड़े राजनीतिक विज्ञापनों का होगा वेरिफिकेशन
बड़े राजनीतिक विज्ञापनों का भी अब वेरिफिकेशन होगा। इसके लिए फेसबुक हजारों लोगों को नियुक्त करेगा। फेसबुक यह काम 2018 के चुनावों से पहले करने की सोच रहा है।
अमेरिका से होगी शुरूआत
जुकरबर्ग के अनुसार सबसे पहले इसकी शुरूआत जल्द ही अमेरिका से होने वाली है, इसके बाद इसे दूसरे देशों में लागू किया जाएगा। जुकरबर्ग ने कहा कि इस सिस्टम से पूरी तरह से रोक नहीं लग पाएगी। हां यह जरूर होगा कि जिस तरह से रूस ने 2016 के चुनावों में फेक अकाउंट और पेज के जरिए विज्ञापन चलाए थे, वैसा करना अब आसान नहीं होगा।