Edited By jyoti choudhary,Updated: 26 Aug, 2018 02:55 PM
फोन पर बात करते समय बीच में फोन कटने या बात करने में होने वाली परेशानी को दूर करने की दिशा में ट्राई ने और सख्त कदम उठाए हैं। इसके लिए मानक बदलने के बाद अब कॉल ड्रॉप की परिभाषा भी बदल दी गई है।
नई दिल्लीः फोन पर बात करते समय बीच में फोन कटने या बात करने में होने वाली परेशानी को दूर करने की दिशा में ट्राई ने और सख्त कदम उठाए हैं। इसके लिए मानक बदलने के बाद अब कॉल ड्रॉप की परिभाषा भी बदल दी गई है। ऐसे में अगर फोन पर रुक-रुक कर बात होती है या फोन बार-बार कटता है तो उसे भी कॉल ड्राॅप माना जाएगा। ऐसे में अब मोबाइल कंपनियों को नए सिरे से सुविधाएं देनी हाेंगी। इसके लिए ट्राई ने 1 अक्टूबर की डेट दी है। वहीं, ऐसा नहीं करने पर मोबाइल कंपनियों को भारी जुर्माना देना पड़ सकता है।
क्या है कॉल ड्रॉप की नई परिभाषा
पिछले दिनों कॉल ड्रॉप को लेकर हुए विवाद के दौरान कंपनियों ने नेटवर्क का बहाना बनाकर कॉल ड्रॉप होने की बात से इनकार कर दिया था। ऐसे में अब ट्राई ने कॉल ड्रॉप की नई परिभाषा तय करते हुए कहा कि अब बात करते-करते फोन कटने को ही कॉल ड्रॉप नहीं माना जाएगा। बल्कि अगर बात करने के दौरान आवाज सुनाई नहीं देगी, अटक-अटककर आवाज आएगी या फिर बात करने के दौरान फोन का नेटवर्क कमजोर हो जाए तो इसे भी कॉल ड्रॉप ही माना जाएगा।
पिछले दिनों बने थे ये नियम
- हर मोबाइल टावर से जुड़े नेटवर्क की हर दिन की सर्विस का मिलान होगा। 2 फीसदी से ज्यादा कॉल ड्रॉप होने पर कंपनियों को 5 लाख का जुर्माना देना होगा। हालांकि अधिकतम जुर्माना 10 लाख रुपए तक रहेगा।
- डेटा ड्रॉप पर भी अंकुश लगाने की पहल ट्राई ने की है। इसके अनुसार महीने के प्लान में डाउनलोड में उपभोक्ता को कम से कम 90 फीसदी समय तय स्पीड के तहत सर्विस मिले। साथ ही महीने के प्लान में नेट ड्रॉप रेट अधिकतम 3 फीसदी हो।