अब शेयरों की तरह स्पाट गोल्ड में भी कर सकेंगे कारोबार, SEBI ने बनाया ये प्लान

Edited By jyoti choudhary,Updated: 19 May, 2021 12:19 PM

now you can trade in gold like shares sebi made this plan

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने स्पाट गोल्ड एक्सचेंज की स्थापना के लिए एक विस्तृत रूपरेखा का प्रस्ताव पेश किया, जिसमें सोने का कारोबार इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रिसीट (EGR) के रूप में किया जाएगा और जिससे घरेलू बाजार में हाजिर मूल्य खोज को अधिक...

बिजनेस डेस्कः भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने स्पाट गोल्ड एक्सचेंज की स्थापना के लिए एक विस्तृत रूपरेखा का प्रस्ताव पेश किया, जिसमें सोने का कारोबार इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रिसीट (EGR) के रूप में किया जाएगा और जिससे घरेलू बाजार में हाजिर मूल्य खोज को अधिक पारदर्शी बनाने में मदद मिलेगी। ईजीआर के तहत सोने को विभिन्न प्रस्तावित मूल्यवर्ग- एक किलोग्राम, 100 ग्राम, 50 ग्राम का होगा और कुछ शर्तों के साथ इन्हें पांच और 10 ग्राम में भी रखा जा सकेगा।

गोल्ड एक्सचेंज पर परामर्श पत्र जारी करने के अलावा, नियामक ने वॉल्ट प्रबंधकों के लिए मसौदा मानदंडों को भी सामने रखा है और उन्हें सेबी मध्यस्थों के रूप में पंजीकृत किया जाएगा। सेबी के अनुसार, प्रस्तावित गोल्ड एक्सचेंज, जिसमें व्यापार का पूरा पारिस्थिकी तंत्र (इकोसिस्टम) और सोने की भौतिक डिलीवरी शामिल है, भारत में एक जीवंत स्वर्ण पारिस्थितिकी तंत्र के लिए अत्यंत आवश्यक है। यह वैश्विक सोने की खपत में भारत के बड़े उपभोक्ता होने के अनुरूप होगा।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वर्ष 2021-22 का बजट पेश करते हुए कहा था कि सेबी गोल्ड एक्सचेंज का नियामक होगा और इस जिंस बाजार पारिस्थितिकी प्रणाली को स्थापित करने के वास्ते भंडारण विकास और नियामकीय प्राधिकरण (डब्ल्यूडीआरए) को मजबूत किया जाएगा।

जानें आपको कैसे होगा फायदा
Gold exchange से भारत के गोल्ड बाजार को दम मिलेगा। अगर यह प्रस्ताव आता है तो फिजिकल गोल्ड में व्यापार करना आसान हो जाएगा। ज्वेलर्स एक्सचेंज का हिस्सा बन सकते हैं और गोल्ड का ट्रांसफर भी कर सकते हैं। इससे आम निवेशकों और ग्राहकों को भी फायदा होगा। 

क्या होते हैं गोल्ड एक्सचेंज?
गोल्ड एक्सचेंज काफी मायने में सामान्य स्टॉक एक्सचेंज की तरह ही एक मार्केट के तौर पर काम करता है। इस बाजार में लोग सोने की खरीद और बिक्री के लिए ऑर्डर डाल सकते हैं। इसके बाद खरीदने वालों को गोल्ड ऑर्डर की डिलीवरी की जाती है। जैसे शेयर बाजार में शेयर की खरीद के बाद उसके डीमैट अकाउंट में आने में 2 दिन (T+2) का समय लगता है, बिलकुल उसी तरह गोल्ड को खरीदार तक पहुंचने में एक या दो दिनों का समय लग सकता है। निवेशक हालांकि फिजिकल डिलीवरी नहीं लेने का भी निर्णय कर सकते है और बाद में मुनाफे पर बेच सकते हैं।
 

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