डिफॉल्टरों पर कसेगी नकेल, बैंकों के NPA को लेकर अध्यादेश को राष्ट्रपति की मंज़ूरी

Edited By ,Updated: 05 May, 2017 10:15 AM

npa ordinance approves president

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने डूबे कर्ज की समस्या से निपटने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक को अधिक...

नई दिल्लीः राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने डूबे कर्ज की समस्या से निपटने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक को अधिक अधिकार देने से संबंधित बैंकिंग अध्यादेश को मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही बैंकिंग रेगुलेशन कानून में बदलाव को भी मंजूरी मिल गई है। माना जा रहा है कि सरकार नए एन.पी.ए. अध्यादेश का ब्योरा आज जारी करेगी।

बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट में जोड़े गए 2 नए प्रावधान
जानकारी के मुताबिक बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट के सेक्शन 35 में दो नए प्रावधान जोड़े गए हैं। एक प्रावधान के तहत आर.बी.आई. को ये अधिकार दिया गया है कि वो बैंकों के डिफॉल्टर के खिलाफ इन्सॉल्वेन्सी एंड बैंकरप्सी कोड के तहत कार्रवाई करे। दूसरे प्रावधान के तहत आर.बी.आई. को अधिकार दिया गया है कि वो तय समय सीमा में एन.पी.ए. से निपटने के लिए बैंकों को जरूरी निर्देश जारी कर सके।

NPA ने निपटने में मिलेगी मदद
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को गैर निष्पादित आस्तिया (एन.पी.ए.) की समस्या से निपटने के लिए बैंकिंग नियमन कानून में संशोधन के लिए अध्यादेश जारी करने को मंजूरी दी थी। वित्त सचिव अशोक लवासा का कहना है कि बैंकिंग कानून में प्रस्तावित बदलावों से फंसे कर्ज यानी एन.पी.ए. की समस्या से प्रभावी समाधान में दीर्घकालिक मदद मिलेगी। एन.पी.ए. की समस्या बैंकिंग क्षेत्र के लिए बड़ा संकट बनी हुई है। वित्त सचिव ने संवाददाताओं से कहा, एन.पी.ए. में कितनी कमी होगी इसके बारे में कोई संख्या बताना मेरे लिए संभव नहीं होगा लेकिन निश्चित रूप से हमारा मानना है कि इन बदलावों से फंसे कर्ज से निपटने की प्रणाली अधिक प्रभावी हो जाएगी।
 

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