रुपए में गिरावट का NRI उठा रहे लाभ, प्रॉपर्टी में बढ़ा रुझान

Edited By jyoti choudhary,Updated: 31 Oct, 2018 11:58 AM

nri of rupee fall rising profit increased trend in property

डॉलर के मुकाबले रुपए में आई भारी गिरावट का आप्रवासी भारतीय फायदा उठा रहे हैं। उनका झुकाव खासकर रियल एस्टेट कारोबार की तरफ बढ़ रहा है, जिससे भारत में इस कारोबार के मंदी से निकलने के आसार बन गए हैं।

नई दिल्लीः डॉलर के मुकाबले रुपए में आई भारी गिरावट का आप्रवासी भारतीय फायदा उठा रहे हैं। उनका झुकाव खासकर रियल एस्टेट कारोबार की तरफ बढ़ रहा है, जिससे भारत में इस कारोबार के मंदी से निकलने के आसार बन गए हैं। देश का रियल एस्टेट उद्योग करीब 3000 अरब रुपए का है, जिसमें 7.8 प्रतिशत मकानों को एन.आर.आई. खरीदते हैं। इस क्षेत्र में वह हर साल करीब 21,000-30,000 करोड़ रुपए की खरीददारी करते हैं। 

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पंजाब में एन.आर.आई. जबरदस्त निवेश करते रहे हैं, लेकिन पिछले कुछ सालों से उनका रुझान वहां कम होने लगा, जिससे वहां प्रॉपर्टी बाजार बिल्कुल निचले स्तर पर पहुंच गया। कुछ सूत्रों के मुताबिक, रियल एस्टेट सेक्टर में एन.आर.आई. इन्वेस्टमेंट ग्रोथ साल 2018-19 में 11.0 अरब डॉलर है, जबकि पिछले वित्त वर्ष यह ग्रोथ 9.7 अरब डॉलर थी। पिछले वर्ष जब अमेरिका में रहने वाले पवन चड्ढा मुंबई पश्चिम (अंधेरी और गोरेगांव) में संपत्ति की खरीद करना चाहते थे तो वहां रियल एस्टेट में मूल्य 220,000 डॉलर (16.1 मिलियन रुपए) था। लेकिन अब रुपए में गिरावट से वही मकान उनके लिए 12 प्रतिशत सस्ते हो गए हैं। इसके साथ ही नियामक माहौल में सुधार होने के बाद अब एन.आर.आई. अपने देश में निवेश को उत्सुक हो गए हैं।

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निवेश का उचित माहौल बना
अधिकांश एन.आर.आई का विश्वास है कि हाल ही में नियामक बदलावों ने रियल एस्टेट सेक्टर को अधिक प्रभावशाली और पारदर्शी बना दिया है, जिससे निवेश का उचित माहौल बन गया है। यह बात एनारॉक प्रॉपर्टी कंसल्टेंट्स के चेयरमैन अनुज पुरी ने कही। पुरी ने कहा कि पिछले वर्ष की तुलना में इस साल एन.आर.आई. की तरफ से रियल एस्टेट में पूछताछ में 20 वृद्धि हुई है। संपत्ति खरीदने वाले अधिकांश एन.आर.आई. संयुक्त अरब अमीरात, अमेरिका, सऊदी अरब, सिंगापुर और यू.के. से हैं। इन देशों की करंसी के मुकाबले रुपए के मूल्य में 9 प्रतिशत कमी आई है। पिछले कुछ वर्षों में एन.आर.आई द्वारा रियल एस्टेट में निवेश का काम ठप्प था। बहुत से एन.आर.आई. मकान खरीदने के लिए उचित समय के इंतजार में बैठे थे। कैपिटल मार्केट्स एंड इन्वेस्टमेंट सर्विसेस, कालियर इंटरनेशनल इंडिया के राष्ट्रीय निदेशक गगन रणदेव ने बताया कि रुपए में भारी गिरावट ने रियल एस्टेट को बढ़ावा दिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि मौजूदा समय में मकान और बंगला खरीदने के अच्छे अवसर हैं। भारत ठोस दीर्घकालीन संभावनाओं के साथ तेजी से बढ़ रहा बाजार है। भारतीय रियल एस्टेट में मूल्य वृद्धि विकसित देशों से अधिक है।

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बाजार में बेशक पिछले 3-4 वर्षों से कारोबार की रफ्तार धीमी थी, लेकिन ऐसी आशंका थी कि एन.आर.आई लंबे समय में भारत में अधिक कीमत पर आवास खरीदना पसंद करेंगे। आज उन्हें आकर्षक मूल्य पर प्रॉपर्टी मिल सकती है। डेवलपर एन.आर.आई को विशेष डील की पेशकश कर रहे हैं। साथ ही मूल्यों में भी लचीलापन दिखा रहे हैं।

अधिकांश एन.आर.आई. भारत में आवासीय संपत्ति में निवेश को महत्व देते हैं, क्योंकि जब वे भारत लौटते हैं तो इन पर आसानी से कब्जा कर सकते हैं या रिश्तेदारों को रहने की अनुमति दे सकते हैं। कमर्शियल संपत्ति में वे रुचि नहीं रखते, क्योंकि वहां किराए की दर बहुत कम है। एन.आर.आई. अपने गृह नगर या उसके आसपास बड़े शहरों में मकान खरीदने को महत्व देते हैं। इसका मकसद दीर्घकालीन पूंजी में बढ़ोत्तरी है। जब वे भारत आते हैं तो उनके पास सीमित समय होता है। 

रोड शो कर एन.आर.आई को लुभा रहे डेवलपर्स
डेवलपर्स इन दिनों विदेशों में रोड शो कर आप्रवासी भारतीयों को लुभा रहे हैं। कुशमैन एंड वेकफील्ड इंडिया के अंशुल जैन ने कहा है कि डेवलपर्स एन.आर.आई को विशेष पेशकश देकर अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं। जैन ने कहा कि एन.आर.आई. भी अब लुटने से बच रहे हैं। भारत आने से पहले ही वे प्रॉपर्टी संबंधी उचित बातचीत कर चुके होते हैं। वेबसाइट पर उन्हें जानकारी मिल चुकी होती है। वे रेरा पोर्टल और लोकल कॉन्टैक्ट्स के जरिए सारी जानकारी हासिल कर लेते हैं। साथ ही, इस बात का भी पता लगा लेते हैं कि क्या डेवलपर की स्थिति मजबूत है। एन.आर.आई उस शहर में निवेश करने को प्राथमिकता देते हैं, जिसके साथ उनका संबंध होता है, जहां उनके रिश्तेदार या करीबी रह रहे हों जो उनकी तरफ से उनकी संपत्ति पर करीब से नजर रख सकें। अगर वह उस शहर में जाते हैं, जहां वे किसी को जानते नहीं तो वहां उनके लिए आवास की मरम्मत और रख-रखाव ही बड़ी मुसीबत बन जाती है। 

भारत पहुंचने से पहले डेवलपर्स से जानकारी ले लेते हैं एन.आर.आई.

एक इन्वेस्टमेंट अफसर ने बताया कि अब एक व्यक्ति संपत्ति के पोर्टल से सारा विवरण ले सकता है। इसके चलते एन.आर.आई ऑनलाइन ही यह चेक कर सकते हैं कि अब भारत में संपत्ति का मूल्य क्या चल रहा है और पहले क्या था। सौदे से पहले ही एन.आर.आई. आसानी से संपत्तियों की जानकारी प्राप्त कर लेते हैं, जिससे उनके समय की बचत होती है। एन.आर.आई का जब कई डेवलपर्स के साथ संपर्क बन जाता है तो वे सेल टीमें बनानी शुरू कर देते हैं, ताकि उनको जरूरी जानकारी मिल सके। 

एन.आर.आई को अचल संपत्ति खरीदने की खुली छूट
विशेषज्ञों के अनुसार, एन.आर.आई को भारत में अचल संपत्ति खरीदने की खुली छूट है। वे कृषि भूमि, फार्म हाउस या फिर पौधे इत्यादि वाली संपत्ति नहीं खरीद सकते हैं। रियल एस्टेट की खरीददारी के लिए धन को सामान्य बैंकिंग चैनलों के जरिए वहीं से भुगतान कर सकते हैं या एन.आर.आई. खाते का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। नांगला एडवाइजर के निदेशक सुमित नायब कहते हैं कि संपत्ति बेचने की सूरत में वह एन.आर.ओ. अकाउंट में राशि डालते हैं।  

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