Edited By Punjab Kesari,Updated: 15 Jul, 2017 09:29 AM
अब अप्रवासी भारतीयों यानि एन.आर.आई. के विदेशी बैंक खाते आयकर विभाग के राडार पर आ गए हैं।
नई दिल्लीः अब अप्रवासी भारतीयों यानि एन.आर.आई. के विदेशी बैंक खाते आयकर विभाग के राडार पर आ गए हैं। पिछले कई सालों से बहुत सारे भारतीय अपने आप को एन.आर.आई. साबित करके टैक्स देने से बचते रहे हैं लेकिन इस बार सरकार ने इन पर शिकंजा कसने की तैयारी कर ली है। हर साल बहुत सारे भारतीय 182 दिन देश से बाहर रहकर अपने आप को अप्रवासी साबित करते हैं और देेश में जमा धन को वैध बताते हैं। लेकिन अब इन लोगों के लिए टैक्स से बचना आसान नहीं होगा।
विदेशी बैंक खाते का देना होगा रिकॉर्ड
आयकर विभाग ने हाल ही में टैक्स रिटर्न फॉर्म (आई.टी.आर-2) में एक नया प्रावधान जोड़ा है। इसके तहत अप्रवासी भारतीयों को देश के बाहर के बैंक अकाउंटों का ब्यौरा देना होगा। अब तक भारत में रहते लोगों को ही विदेशी खातों की जानकारी देनी होती थी लेकिन अब एन.आर.आईस. को भी अपने विदेशी खातों की जानकारी आयकर विभाग को देनी होगी। सरकार ने यह कदम इस लिए उठाया है क्योंकि बहुत सारे भारतीय और अप्रवासी भारतीयों ने स्विट्जरलैंड में छुपाए गए काले धन को बचाने के लिए दुबई, सिंगापुर और हांगकांग जैसे देशों में बैंक खाते खुलवाए हैं।
क्या करना होगा NRIs को
अप्रवासी भारतीयों को आयकर विभाग को अपने विदेशी बैंक खाते, बैंकों के नाम, देश का नाम (जिन देशों में बैंक हैं), स्विफ्ट कोड और इंटरनेशनल बैंक खाता नंबर (आई.बी.ए.एन.) बताने होंगे। स्विफ्ट कोड बैंक की पहचान करने में मदद करेगा। जबकि इंटरनेशनल बैंक खाता नंबर अन्य जानकारी प्राप्त करने में मदद करेगा।