Edited By Supreet Kaur,Updated: 11 Oct, 2018 11:14 AM
रुपए के मुकाबले डॉलर, पौंड की मजबूती से अनिवासी भारतीयों (एनआरआई) की दिलचस्पी रियल एस्टेट कारोबार का तरफ बढ़ गई है जिससे इस कारोबार को मंदी से निकलने की सहायता मिलेगी।
बिजनेस डेस्कः रुपए के मुकाबले डॉलर, पौंड की मजबूती से अनिवासी भारतीयों (एनआरआई) की दिलचस्पी रियल एस्टेट कारोबार का तरफ बढ़ गई है जिससे इस कारोबार को मंदी से निकलने की सहायता मिलेगी।
NRI खरीदते हैं ज्यादा मकान
देश का रियल एस्टेट उद्योग करीब 3,000 अरब रुपए का है, जिसमें 7-8 फीसदी मकान एनआरआई खरीदते हैं। इस क्षेत्र में वे हर साल करीब 21,000-30,000 करोड़ रुपए की खरीदारी करते हैं। पंजाब में वे जबरदस्त निवेश करते रहे हैं, लेकिन पिछले कुछ सालों से उनका रुझान वहां कम होने लगा, जिससे वहां प्रॉपर्टी बाजार बिलकुल निचले स्तर पर पहुंच गया।
डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोर
जानकारों के अनुसार पंजाब में कई सालों से प्रॉपर्टी कारोबारियों के लिए पॉलिसी सही नहीं रही और डॉलर कमजोर होने के कारण एनआरआई का निवेश में रुझान काफी कम हो गया था। वे अधिकतर निवेश कनाडा व ब्रिटेन के रियल एस्टेट में करने लगे। अब डॉलर के मुकाबले रुपया 74 का स्तर पार कर चुका है। कनाडाई डॉलर 49 रुपए का था, जो अब 57 रुपए पार कर चुका है। ब्रिटेन का पौंड 80 रुपए का था, जो अब 97 रुपए तक आ गया है। इससे एनआरआई का निवेश में रुझान दोबारा बढ़ने लगा है।