Edited By Pardeep,Updated: 18 Sep, 2018 05:25 AM
रुपए की गिरावट पर अंकुश लगाने के एक उपाय के रूप में तेल विपणन कम्पनियों के लिए डॉलर विनिमय की विशेष सुविधा शुरू करने की जरूरत बढ़ती जा रही है। आने वाले दिनों में तेल मंत्रालय के साथ चर्चा करने के बाद इस सुविधा की घोषणा की जा सकती है। इसके तहत तेल...
मुंबई: रुपए की गिरावट पर अंकुश लगाने के एक उपाय के रूप में तेल विपणन कंपनियों के लिए डॉलर विनिमय की विशेष सुविधा शुरू करने की जरूरत बढ़ती जा रही है। आने वाले दिनों में तेल मंत्रालय के साथ चर्चा करने के बाद इस सुविधा की घोषणा की जा सकती है। इसके तहत तेल विपणन कम्पनियों को सीधे भारतीय रिजर्व बैंक ;(आर.बी.आई.) से डॉलर मिलेंगे। उन्हें डॉलर के लिए बाजारों में नहीं जाना होगा। इससे बाजार में डॉलर की मांग कम होगी क्योंकि डॉलर की ज्यादातर मांग तेल कम्पनियों से आती है।
केन्द्रीय बैंक ने इससे पहले यह सुविधा अगस्त 2013 में शुरू की थी। उस समय रुपए पर दबाव इसलिए बढ़ गया था क्योंकि अमरीकी फैडरल रिजर्व ने अपनी बांड खरीद घटाने की घोषणा की थी। उस साल दिसम्बर तक तेल विपणन कम्पनियां विनिमय दरों को प्रभावित किए बिना डॉलर की अपनी संपूर्ण जरूरत बाजारों से पूरी कर रही थीं।
बाजार भागीदारों का कहना है कि यह व्यवस्था अब फिर शुरू की जा सकती है, लेकिन इसके लिए अभी काम शुरू नहीं हुआ है। वित्त मंत्री अरुण जेतली ने कहा कि संबंधित मंत्रालयों के साथ चर्चा करने के बाद कई उपायों की घोषणा की जाएगी। उन्होंने बाजार में अटकलों के डर से इन उपायों के बारे में खुलकर कुछ नहीं बताया। एक बड़े सरकारी बैंक के ट्रेजरी हैड ने कहा कि इस समय जो हालात हैं, उनमें यह सुविधा एक मानक उपाय की तरह है। तेल कम्पनियां अपनी जरूरत के डॉलर आर.बी.आई. से खरीदेंगी। साथ ही बैंक भी तेल कंपनियों को फॉरवर्ड बाजारों में मदद देने के लिए तैयार हैं।