अंतरराष्ट्रीय बाजार में नरमी के बीच तेल तिलहन कीमतों में गिरावट

Edited By vasudha,Updated: 01 Mar, 2020 10:59 AM

oil oilseed prices fall

विदेशी बाजारों में नरमी के रुख के बीच बीते सप्ताह दिल्ली के तेल-तिलहन बाजार में गिरावट का रुख रहा और मूंगफली छोड़कर लगभग सभी प्रमुख तेल तिलहन कीमतों में हानि दर्ज हुई। बाजार सूत्रों ने बताया कि निर्यात की मांग होने से मूंगफली तेल कीमतों में तेजी आई।...

बिजनेस डेस्क: विदेशी बाजारों में नरमी के रुख के बीच बीते सप्ताह दिल्ली के तेल-तिलहन बाजार में गिरावट का रुख रहा और मूंगफली छोड़कर लगभग सभी प्रमुख तेल तिलहन कीमतों में हानि दर्ज हुई। बाजार सूत्रों ने बताया कि निर्यात की मांग होने से मूंगफली तेल कीमतों में तेजी आई। उन्होंने कहा कि तेल आयातक जिस भाव पर आयात कर रहे हैं, स्थानीय वायदा बाजार में सटोरियों द्वारा उन तेलों के भाव तोड़ने के कारण आयातकों को हाजिर बाजार में लागत से कम कीमत पर अपना माल बेचना पड़ रहा है। इस स्थिति में सरसों, सोयाबीन मिल डिलिवरी दिल्ली, सोयाबीन इंदौर, सोयाबीन डीगम तथा सीपीओ एक्स कांडला, पामोलीन आरबीडी दिल्ली एवं पामोलीन कांडला तेल के भाव पिछले सप्ताहांत के मुकाबले हानि प्रदर्शित करते बंद हुए।

 

बाजार सूत्रों के अनुसार मंडियों में सरसों की नये फसल की आवक शुरू हो गई है। सरकार को वायदा कारोबार में सट्टेबाजों द्वारा इसके भाव तोड़ने पर अंकुश लगाना होगा नहीं तो सरसों किसान हतोत्साहित होंगे। वायदा कारोबार में सरसों का भाव न्यूनतम समर्थन मूल्य से भी कम चल रहा है, ऐसे में किसानों को अपनी लागत निकालने और बैंकों के कर्ज को वापस करने में मुश्किल आ सकती है। बीते सप्ताह आयात शुल्क मूल्य में कुछ कमी की गई लेकिन इसके बावजूद आयातकों को घरेलू भाव के मुकाबले आयात के लिए अधिक राशि का भुगतान करना पड़ रहा है। ऐसे में उनपर लगा बैंकों का पैसा फंस सकता है। समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान सरसों (तिलहन) और सरसों दादरी तेल का भाव क्रमश: 100 रुपये और 200 रुपये की हानि के साथ क्रमश: 4,165-4,195 रुपये और 8,400 रुपये प्रति क्विन्टल रह गये। जबकि सरसों पक्की घानी और सरसों कच्ची घानी टिन के भाव भी पिछले सप्ताहांत के बंद स्तर के मुकाबले क्रमश: 20-20 रुपये के घाटे के साथ क्रमश: 1,355-1,505 रुपये और 1,380-1,525 रुपये प्रति टिन पर बंद हुए। 

 

दूसरी ओर, निर्यात की मांग बढ़ने से मूंगफली दाना और मूंगफली मिल डिलिवरी तेल गुजरात की कीमतें क्रमश: 45 रुपये और 350 रुपये सुधरकर क्रमश: 4,535-4,560 रुपये और 11,600 रुपये प्रति क्विन्टल पर बंद हुईं। मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल की कीमत भी 25 रुपये के सुधार के साथ 1,825-1,870 रुपये प्रति टिन पर बंद हुई। गिरावट के आम रुख के अनुरूप वनस्पति घी की कीमत 45 रुपये की हानि के साथ 975-1,235 रुपये प्रति टिन पर बंद हुई। जबकि तिल मिल डिलिवरी की कीमत 10,100-15,050 रुपये प्रति क्विन्टल पर अपरिवर्तित रही। 

 

लागत से कम कीमत पर बिक्री के लिए बाध्य होने तथा मांग कमजोर होने से सोयाबीन मिल डिलिवरी दिल्ली, सोयाबीन इंदौर और सोयाबीन डीगम के भाव क्रमश: 350 रुपये, 260 रुपये और 370 रुपये की हानि के साथ क्रमश: 8,450 रुपये, 8,340 रुपये और 7,400 रुपये प्रति क्विन्टल पर बंद हुए। स्थानीय मांग घटने से सीपीओ एक्स कांडला, पामोलीन दिल्ली और पामोलीन कांडला के भाव भी पूर्व सप्ताहांत के बंद भाव के मुकाबले क्रमश: 600 रुपये, 650 रुपये और 650 रुपये की गिरावट के साथ क्रमश: 6,450 रुपये, 7,800 रुपये और 7,100 रुपये क्विंटल पर बंद हुए। बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा) तेल के भाव भी पिछले सप्ताहांत के बंद भाव के मुकाबले 400 रुपये की हानि के साथ 7,350 रुपये प्रति क्विन्टल पर बंद हुए। जबकि सोयाबीन दाना और सोयाबीन लूज की कीमतें क्रमश: 200 रुपये और 250 रुपये की हानि के साथ क्रमश: 3,900-3,950 रुपये और 3,700-3,750 रुपये प्रति क्विंटल रह गईं। 

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