आयातित तेल मंहगा होने की वजह से मांग प्रभावित होने के कारण तेल तिलहन कीमतों में गिरावट

Edited By jyoti choudhary,Updated: 18 May, 2021 06:25 PM

oil oilseed prices fall as imported oil becomes costlier

आयातित तेलों के महंगा होने की वजह से मांग प्रभावित होने के कारण स्थानीय तेल तिलहन बाजार में मंगलवार को सोयाबीन डीगम, पाम एवं पामोलिन सहित सरसों और बिनौला तेल कीमतों में भी गिरावट का रुख रहा और भाव हानि के साथ बंद हुए।

नई दिल्लीः आयातित तेलों के महंगा होने की वजह से मांग प्रभावित होने के कारण स्थानीय तेल तिलहन बाजार में मंगलवार को सोयाबीन डीगम, पाम एवं पामोलिन सहित सरसों और बिनौला तेल कीमतों में भी गिरावट का रुख रहा और भाव हानि के साथ बंद हुए। बाजार सूत्रों का कहना है कि अमेरिका के शिकागो और मलेशिया एक्सचेंज में कल रात से चार-चार प्रतिशत की तेजी होने के बावजूद इनके देशी तेलों के मुकाबले मंहगा होने के कारण तेल तिलहनों की मांग प्रभावित हुई जिससे लगभग सभी खाद्य तेल तिलहन कीमतों में गिरावट आई। 

उन्होंने कहा कि सरकार को इस बात की ओर ध्यान देना होगा कि देश में खाद्य तेलों की 70 प्रतिशत की कमी है और इसे पूरा करने के लिए देश आयात पर निर्भर है लेकिन ऐसी स्थिति होने के बावजूद विदेशों से खरीद भाव के मुकाबले देश के हाजिर मंडियों और वायदा कारोबार में इनके भाव 700 रुपए से लगभग 1,000 रुपए क्चिन्टल नीचे चलना आश्चर्यजनक हैं। 

महंगा होने की वजह से मांग घटने के कारण सीपीओ का भाव 10 रुपए घटकर 12,660 रुपए, पामोलीन दिल्ली 50 रुपए घटकर 14,550 रुपए और पामोलीन कांडला का भाव 20 रुपए घटकर 13,580 रुपए प्रति क्विन्टल रह गया। इसी प्रकार सोयाबीन डीगम का भाव भी 10 रुपए घटकर 14,410 रुपए प्रति क्विन्टल रह गया। उन्होंने कहा कि सस्ता होने के कारण सरसों की मांग बढ़ रही है जिसकी वजह से सरसों दाना के भाव पूर्वस्तर पर बने रहे जबकि आम रुख के अनुरूप मांग घटने से सरसों तेल कीमतों में मामूली गिरावट देखी गई। सरसों दादरी में जहां 25 रुपए प्रति क्विन्टल की गिरावट आई वहीं सरसों पक्की और कच्ची घानी के भाव पांच-पांच रुपए प्रति टिन की गिरावट दर्शाते बंद हुए। 

सूत्रों ने कहा कि बिनौलातेल का भाव भी 50 रुपए की हानि दर्शाता 14,800 रुपए क्विंटल रह गया। बाजार के जानकार मानते हैं कि किसानों और घरेलू तेल उद्योग के हित में सरकार को तेल- तिलहन उत्पादन बढ़ाने के लिये हर संभव कदम उठाना चाहिये। उन्होंने कहा कि सरकार को तिलहन किसानों को अधिक दाम देकर उन्हें तिलहन उत्पादन को बढ़ाने के लिए प्रेरित करना चाहिये। समय की मांग है कि देश की आयात पर निर्भरता खत्म हो जिसके लिए देश को भारी मात्रा में विदेशीमु्द्रा खर्च करना पड़ता है। बाकी सभी तेल तिलहनों के भाव पूर्ववत बंद हुए।

बाजार में थोक भाव इस प्रकार रहे
सरसों तिलहन- 7,575- 7,625 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपए। मूंगफली दाना- 6,270- 6,315 रुपए। मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात)- 15,400 रुपए। मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल 2,465 - 2,515 रुपए प्रति टिन। सरसों तेल दादरी- 15,125 रुपए प्रति क्विंटल। सरसों पक्की घानी- 2,390 -2,440 रुपए प्रति टिन। सरसों कच्ची घानी- 2,490 - 2,590 रुपए प्रति टिन। तिल तेल मिल डिलिवरी - 16,000 - 18,500 रुपए। सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 16,000 रुपए। सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 15,750 रुपए। सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 14,410 रुपए। सीपीओ एक्स-कांडला- 12,600 रुपए। बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 14,800 रुपए। पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 14,550 रुपए।
पामोलिन एक्स- कांडला- 13,580 (बिना जीएसटी के) सोयाबीन दाना 7,900 - 7,950, सोयाबीन लूज 7,750 - 7,800 रुपएमक्का खल 3,800 रुपए। (भावः रुपए प्रति क्विंटल) 
 

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