Edited By jyoti choudhary,Updated: 14 Jun, 2018 05:30 PM
भारत की राइड हेलिंग ऐप ओला का वित्त वर्ष 2016-17 के दौरान घाटा बढ़कर 4,897 करोड़ रुपए तक पहुंच गया, हालांकि उसकी कुल इनकम में 70 फीसदी की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई। रेग्युलेटरी डॉक्यूमेंट्स से ये आंकड़े सामने आए हैं।
बिजनेस डेस्कः भारत की राइड हेलिंग ऐप ओला का वित्त वर्ष 2016-17 के दौरान घाटा बढ़कर 4,897 करोड़ रुपए तक पहुंच गया, हालांकि उसकी कुल इनकम में 70 फीसदी की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई। रेग्युलेटरी डॉक्यूमेंट्स से ये आंकड़े सामने आए हैं। भारत में मार्केट लीडरशिप के लिए अमेरिकी कंपनी उबर से भारी कॉम्पिटिशन का सामना कर रही ओला को वित्त वर्ष 2015-16 में 3,147.9 करोड़ रुपए का घाटा हुआ था।
70% की बढ़ोत्तरी के साथ 1380.70 करोड़ रु की इनकम
इसी अवधि के दौरान ओला ब्रांड के तहत सेवाएं देने वाली एएनआई टेक्नोलॉजिज को कंसॉलिडेटेड कुल इनकम 70 फीसदी बढ़कर 1,380.70 करोड़ रुपए के स्तर पर पहुंच गई, जबकि एक साल पहले (वित्त वर्ष 2015-16 में) यह आंकड़ा 810.70 करोड़ रुपए रहा था। इस संबंध में भेजे गए ई-मेल पर ओला ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।
1,000 करोड़ रु का हुआ एकमुश्त नुकसान
रिसर्च फर्म टॉफ्लर की को-फाउंडर अंचल अग्रवाल ने कहा, ‘1000 करोड़ रुपए के एकमुश्त नुकसान से कंपनी के नतीजों पर खासा निगेटिव असर पड़ा। ई-कॉमर्स कंपनियों के नतीजों की तर्ज पर कंपनी का एडवर्टाइजिंग खर्च 35 फीसदी कम हुआ है।’ रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (आरओसी) में फाइल किए गए डॉक्यूमेंट के मुताबिक, ओला को वित्त वर्ष 2017 के दौरान ‘मॉडिफिकेशन ऑफ फाइनेंशियल इंस्ट्रुमेंट’ के एवज में 1,095.3 करोड़ रुपए का एकमुश्त नुकसान हुआ।
2011 में शुरू हुई थी कंपनी
2011 में भाविश अग्रवाल और अंकित भाटी द्वारा स्थापित ओला 110 शहरों में सेवाएं देती है और कंपनी अपने साथ 10 लाख ड्राइवर-पार्टनर्स, ऑटो रिक्शा और टैक्सियों के जुड़े होने का दावा करती है।
इस साल की शुरुआत में कंपनी ने ऑस्ट्रेलिया के बाजार में उतरने का ऐलान किया था और अब पर्थ, सिडनी व मेलबर्न सहित कई शहरों में सेवाएं देती है। यहां भी कंपनी को उबर से प्रतिस्पर्धा मिल रही है। दिलचस्प है कि दोनों ही कंपनियों में सॉफ्टबैंक बड़ी इन्वेस्टर है।