Edited By jyoti choudhary,Updated: 09 Apr, 2019 04:35 PM
स्टार्टअप कंपनियां जहां फंडिंग पाने की उम्मीद में रहती हैं तो वहीं Ola के को-फाउंडर भाविश अग्रवाल ने अपनी कंपनी के लिए फंडिंग लेने से इनकार कर दिया है। एक रिपोर्ट के अनुसार,
बिजनेस डेस्कः स्टार्टअप कंपनियां जहां फंडिंग पाने की उम्मीद में रहती हैं तो वहीं Ola के को-फाउंडर भाविश अग्रवाल ने अपनी कंपनी के लिए फंडिंग लेने से इनकार कर दिया है। एक रिपोर्ट के अनुसार, जापानी कंपनी सॉफ्टबैंक ग्रुप कॉर्प ने ओला में 1.1 अरब डॉलर (7.6 हजार करोड़ रुपए) के निवेश का ऑफर दिया था, जिसे भाविश ने ठुकरा दिया है। दरअसल भाविश कंपनी पर अपना कंट्रोल बनाए रखना चाहते हैं। इसके लिए उन्होंने सॉफ्टबैंक के 7.6 हजार करोड़ रुपए लेने से इनकार कर दिया।
सॉफ्टबैंक ने उबर में खरीदे स्टॉक
मासायोशी सन के नेतृत्व में जापानी समूह ने ओला में शुरुआती हिस्सेदारी ली थी। अब अग्रवाल चाहते हैं कि ओला में सॉफ्टबैंक का प्रभाव ज्यादा न हो। अग्रवाल ये सोचने पर तब मजबूर हुए जब सॉफ्टबैंक ने ओला के प्रतिद्वंदी उबर में स्टॉक खरीदे। एक रिपोर्ट के अनुसार ओला में 1.1 बिलियन डॉलर का एक और सौदा करने के लिए अपनी हिस्सेदारी को 40 प्रतिशत से अधिक करने के लिए एक प्रारंभिक सौदा किया।
जानकारों का मानना है कि अग्रवाल को लगता है कि अगर ओला में सॉफ्टबैंक की हिस्सेदारी बढ़ी को वह ओला से बाहर किए जा सकते हैं। हालांकि बैंगलोर स्थित ओला ने इस बात से इंकार किया कि जापानी कंपनी के साथ कोई अनबन चल रही है। कंपनी के एक प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, "सॉफ्टबैंक हमारे लिए एक बड़ा साझेदार रहा है, क्योंकि हमने अपना कारोबार बढ़ाया है।''
2011 में रखी थी Ola की नींव
33 वर्षीय भाविश अग्रवाल ने 2011 में अपने इंजीनियरिंग स्कूल के दोस्त अंकित भाटी के साथ मिलकर Ola की शुरुआत की थी। फिलहाल इस प्लेटफॉर्म पर देश के 100 से ज्यादा शहरों में 13 लाख ड्राइवर हैं। पिछले साल कंपनी ने ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और ब्रिटेन में सर्विसेज देना शुरू किया है। भारत में कंपनी ने फूड बिजनेस में भी एंट्री मारी है। इसके साथ ही Uber Eats, Zomato और Swiggy के मार्केट शेयर पर भी हिस्सेदारी कर ली है।