Edited By jyoti choudhary,Updated: 09 Aug, 2020 03:54 PM
सार्वजनिक क्षेत्र की ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) ने अपने ऋण में करीब 35 प्रतिशत की कटौती की है। ओएनजीसी के अधिकारियों का कहना है कि इसके बावजूद तेल एवं गैस के दाम
नई दिल्लीः सार्वजनिक क्षेत्र की ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) ने अपने ऋण में करीब 35 प्रतिशत की कटौती की है। ओएनजीसी के अधिकारियों का कहना है कि इसके बावजूद तेल एवं गैस के दाम काफी नीचे आने की वजह से कंपनी के लिए योजनागत व्यय को पूरा करना एक चुनौती है।
शेयर बाजारों को भेजी सूचना में कंपनी ने कहा कि 31 मार्च, 2019 तक उसपर बकाया कुल कर्ज 21,593 करोड़ रुपए था। यह 31 मार्च, 2020 को घटकर 13,949 करोड़ रुपए रह गया है। कंपनी का कहना है कि बेहतर परिचालन से प्राप्त आय का इस्तेमाल उसने अपने कर्ज के बोझ को कम करने के लिए किया है। इस ऋण में से 2,245 करोड़ रुपए दीर्घावधि के ऋण खाते का है। यह दिसंबर, 2029 में परिपक्व होना है।
कंपनी के पास 31 मार्च, 2020 तक 968 करोड़ रुपए की नकदी और नकद समतुल्य (अन्य बैंक शेष सहित) था। एक साल पहले यह 504 करोड़ रुपए के रिकॉर्ड निचले स्तर पर था। मार्च के अंत तक कंपनी का एकल ऋण-इक्विटी अनुपात सिर्फ 0.07 प्रतिशत था। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘2019-20 के वित्त वर्ष के समाप्त होने के समय हमारी वित्तीय स्थिति संतोषजनक थी लेकिन 2020-21 काफी चुनौतीपूर्ण है। महामारी की वजह से तेल की कीमतें काफी निचले स्तर पर आ गई हैं। वहीं सरकार द्वारा निर्धारित गैस का दाम उत्पादन की लागत से कम है।'' उन्होंने कहा कि ओएनजीसी ने 26,000 करोड़ रुपए के निवेश की योजना बनाई है। मौजूद तेल एवं गैस कीमतों को देखते हुए इसे हासिल करना काफी चुनौतीपूर्ण है।