Edited By jyoti choudhary,Updated: 03 Jan, 2019 12:51 PM
प्याज किसानों को उनकी उपज का सही दाम दिलाने के लिए महाराष्ट्र सरकार उन्हें गारंटी कीमत (हमी भाव) देने पर विचार कर रही है। किसान प्याज का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) तय करने की मांग कर रहे हैं और राज्य सरकार भी उनकी इस मांग से सहमत है।
मुंबईः प्याज किसानों को उनकी उपज का सही दाम दिलाने के लिए महाराष्ट्र सरकार उन्हें गारंटी कीमत (हमी भाव) देने पर विचार कर रही है। किसान प्याज का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) तय करने की मांग कर रहे हैं और राज्य सरकार भी उनकी इस मांग से सहमत है। महाराष्ट सरकार ने गारंटी भाव का प्रस्ताव केंद्र को भेजने का फैसला किया है। महाराष्ट देश का प्रमुख प्याज उत्पादक राज्य है और हर साल प्याज की कीमतों में भारी उतार-चढ़ाव से समस्या होती है। महाराष्ट्र में प्याज के दाम गिरने या फिर महंगा होने का असर पूरे देश पर पड़ता है। राज्य के किसान लंबे समय से प्याज का एमएसपी तय करने के लिए आंदोलन कर रहे हैं। महाराष्ट के विपणन मंत्री सुभाष देशमुख ने कहा कि राज्य सरकार किसानों की मांग से सहमत है और इस संबंध में प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा जाएगा।
इससे पहले राज्य के प्याज उत्पादक किसानों ने देशमुख से मुलाकात की और अपनी मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा। देशमुख ने कहा कि सरकार किसानों के साथ है और प्याज के लिए अनुदान भी घोषित किया गया है। उन्होंने कहा कि कुछ इस तरह की शिकायतें आई हैं कि उपज की कीमत कम करने के लिए कुछ बाजार समितियों को बंद रखा जा रहा है। अगर ऐसा होता है तो बाजार समितियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। कृषि एवं विपणन विभाग और प्याज किसानों के बीच हुई बैठक में किसानों ने खुलकर अपनी मांग रखी। किसानों ने दो हजार रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से प्याज का हमी भाव देने की मांग की। साथ ही उन्होंने मार्च 2018 तक पूरी तरह कर्ज माफी, अगले मौसम के लिए शून्य फीसदी ब्याज दर से कर्ज उपलब्ध कराने और सूखे की स्थिति में किसानों को तत्काल मदद की मांग की।
किसानों को राहत देने के लिए हाल में केंद्र ने प्याज निर्यात में प्रोत्साहन को पांच फीसदी से बढ़ाकर 10 फीसदी कर दिया। महाराष्ट्र सरकार ने भी किसानों को दो रुपए प्रोत्साहन देने की घोषणा की है। निर्यात प्रोत्साहन से प्याज की कीमतों में कुछ सुधार देखने को मिला लेकिन बुधवार को फिर इसमें गिरावट देखी गई।