इस त्योहारी सीजन में ऊंची रह सकती है प्याज की कीमत, क्रिसिल रिसर्च की रिपोर्ट में दावा

Edited By jyoti choudhary,Updated: 10 Sep, 2021 02:20 PM

onion prices may remain high this festive season

प्याज की कीमतें अक्टूबर-नवंबर के दौरान ऊंची बने रहने की आशंका है, क्योंकि अनिश्चित मॉनसून के कारण इस फसल के आने में देरी हो सकती है। क्रिसिल रिसर्च की एक रिपोर्ट में यह कहा गया है। इसमें कहा गया है कि खरीफ फसल की आवक में देरी और चक्रवात तौकते के...

बिजनेस डेस्कः प्याज की कीमतें अक्टूबर-नवंबर के दौरान ऊंची बने रहने की आशंका है, क्योंकि अनिश्चित मॉनसून के कारण इस फसल के आने में देरी हो सकती है। क्रिसिल रिसर्च की एक रिपोर्ट में यह कहा गया है। इसमें कहा गया है कि खरीफ फसल की आवक में देरी और चक्रवात तौकते के कारण बफर स्टॉक में रखे माल का जीवन अल्पावधि का होने से कीमतों में वृद्धि की संभावना है। 

रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘वर्ष 2018 की तुलना में इस वर्ष भी प्याज की कीमतों में 100 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि की संभावना है। महाराष्ट्र में फसल की रोपाई में आने वाली चुनौतियों के कारण खरीफ 2021 के लिए कीमतें 30 रुपए प्रति किलोग्राम को पार करने की उम्मीद है। हालांकि, यह खरीफ 2020 के उच्च आधार के कारण साल-दर-साल (1-5 प्रतिशत) से थोड़ा कम रहेगा।'' रिपोर्ट में कहा गया है कि बारिश की कमी के कारण फसल की आवक में देरी के बाद अक्टूबर-नवंबर के दौरान प्याज की कीमतों के उच्च स्तर पर रहने की संभावना है, क्योंकि रोपाई के लिए महत्वपूर्ण महीना, अगस्त में मॉनसून की स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ। क्रिसिल रिसर्च को उम्मीद है कि खरीफ 2021 का उत्पादन साल-दर-साल तीन प्रतिशत बढ़ेगा। 

हालांकि, महाराष्ट्र से प्याज की फसल देर से आने की उम्मीद है, अतिरिक्त रकबा, बेहतर पैदावार, बफर स्टॉक और अपेक्षित निर्यात प्रतिबंधों से कीमतों में मामूली गिरावट आने की उम्मीद है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले साल इसी त्योहारी सीजन में, प्याज की कीमतें 2018 के सामान्य वर्ष की तुलना में दोगुनी हो गई थीं - जो मुख्य रूप से आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र में खरीफ फसल को नुकसान पहुंचाने वाले भारी और अनिश्चित मानसून की वजह से आपूर्ति में व्यवधान के कारण हुआ था। मॉनसून की अनिश्चितता से अक्टूबर के अंत या नवंबर की शुरुआत तक बाजार में खरीफ प्याज की आवक में 2-3 सप्ताह की देरी होने की उम्मीद है, इसलिए कीमतों में तब तक बढ़ोतरी की संभावना है। 

सरकार ने प्याज की कीमतों में वृद्धि को रोकने के लिए कई उपाय किए हैं, जिसमें वित्तवर्ष 2022 के लिए प्याज के लिए निर्धारित दो लाख टन का बफर स्टॉक शामिल है। प्याज के लिए नियोजित बफर स्टॉक का लगभग 90 प्रतिशत खरीद लिया गया है, जिसमें सबसे अधिक योगदान महाराष्ट्र (0.15 मिलियन टन) से आया है। इसके अतिरिक्त, सरकार ने पारंपरिक रूप से गैर-प्याज उगाने वाले राज्यों राजस्थान, हरियाणा, मध्य प्रदेश, गुजरात और उत्तर प्रदेश में खरीफ प्याज का रकबा 41,081 हेक्टेयर से बढ़ाकर 51,000 हेक्टेयर करने की सलाह दी है। 
 

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!