दो वर्ष के निचले स्तर पर प्याज उत्पादन

Edited By jyoti choudhary,Updated: 06 Feb, 2019 03:51 PM

onion production at the lower level of two years

प्याज का भाव दो वर्ष के निचले स्तर के आसपास बने रहने से महाराष्ट्र के किसानों ने चालू सीजन के लिए न्यूनतम बिक्री मूल्य 8.5 रुपए प्रति किलोग्राम तय करने के लिए राज्य सरकार से मदद मांगी है, जिससे कि भविष्य में प्याज की खेती को उपयोगी

मुंबईः प्याज का भाव दो वर्ष के निचले स्तर के आसपास बने रहने से महाराष्ट्र के किसानों ने चालू सीजन के लिए न्यूनतम बिक्री मूल्य 8.5 रुपए प्रति किलोग्राम तय करने के लिए राज्य सरकार से मदद मांगी है, जिससे कि भविष्य में प्याज की खेती को उपयोगी बनाया जा सके। पिछले सीजन से कम मात्रा में शेष प्याज मौजूद रहने के बावजूद इसकी कीमत 1-2 रुपए प्रति किलोग्राम के दायरे में है। इससे भी नई किस्म के रबी के प्याज की कीमतों में गिरावट को बढ़ावा मिला है और इसका भाव थोक बाजार में 6-7 रुपए प्रति किलोग्राम के बीच है। इसलिए यहां खुदरा बाजारों में नया प्याज 10-12 रुपए किलो के भाव पर बेचा जा रहा है। 
 
थोक मंडियों में किसानों के लिए नई रबी किस्म का मौजूदा मूल्य काफी नीचे आ गया है और यदि ढुलाई खर्च को शामिल किया जाए तो वे इसे 2-3 रुपए प्रति किलोग्राम के नुकसान पर बेच रहे हैं। एशिया के सबसे बड़े प्याज बाजार एग्रीकल्चरल प्रोड्यूस मार्केट कमेटी (एपीएमसी), लासलगांव के चेयरमैन जयदत्त सीताराम होल्कर ने कहा, 'किसानों को लगातार नुकसान हो रहा है, क्योंकि मौजूदा भाव पर खेती की लागत भी नहीं निकल पा रही है। अन्य फसलों की ओर रुख करने वाले किसान निश्चित रूप से अगले सीजन में प्याज की खेती से दूर रहेंगे लेकिन महाराष्ट्र के नाशिक जिले में कई किसान प्रतिकूल तापमान और मिट्टी की वजह से इस तरह के विकल्पों का लाभ नहीं उठा सकते। इसलिए, वे प्याज की खेती से जुड़े रहेंगे। हालांकि महाराष्ट्र सरकार को 8.5 रुपए प्रति किलोग्राम का न्यूनतम बिक्री मूल्य (एमएसपी) निर्धारित कर किसानों के हितों की रक्षा करनी चाहिए।'
 
जैसा कि चीनी (29 रुपए प्रति किलोग्राम) और दूध (25 रुपए प्रति लीटर) के मामले में किया गया, महाराष्ट्र सरकार ने न्यूनतम बिक्री मूल्य तय करने के बजाय 1 नवंबर और 15 दिसंबर के बीच बेचे गए प्याज के लिए 2 रुपए प्रति किलोग्राम की सब्सिडी की पेशकश की। अधिकतम 200 क्विंटल के लिए लागू इस सब्सिडी को 150 करोड़ रुपए के कुल आवंटन के साथ बाद में 31 दिसंबर, 2018 तक बढ़ाया गया था। प्याज उत्पादक हब समझे जोन वाले निफाड (नाशिक के नजदीक) के एक किसान संतोष चव्हाण ने नकदी प्रवाह सुधारने के लिए अनार और अंगूर जैसी अन्य फसलें उगाने के लिए अपनी जमीन ठेके पर देने की योजना बनाई है।
  

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