इस साल महंगा नहीं होगा प्याज, सरकार ने बनाया ये प्लान

Edited By jyoti choudhary,Updated: 15 Jun, 2020 11:30 AM

onion will not be expensive this year the government made this plan

प्याज की अच्छी पैदावार के बीच घटते भाव देख सरकार ने सतर्कता बरतते हुए घरेलू बाजार में नेफेड को सरकारी खरीद के लिए उतार दिया है। सहकारी एजेंसी नेफेड (Nafed) ने चालू सीजन में एक लाख टन प्याज का

नई दिल्लीः प्याज की अच्छी पैदावार के बीच घटते भाव देख सरकार ने सतर्कता बरतते हुए घरेलू बाजार में नेफेड को सरकारी खरीद के लिए उतार दिया है। सहकारी एजेंसी नेफेड (Nafed) ने चालू सीजन में एक लाख टन प्याज का बफर स्टॉक बनाने का फैसला किया है, जो अब तक का सर्वाधिक है। शुरुआती दौर में ही तेज रफ्तार खरीद से नेफेड के पास 25 हजार टन प्याज का स्टॉक हो चुका है। ‘फार्मर्स प्रोड्यूसर ऑर्गनाइजेशन’, सरकारी संस्थाओं और मंडियों में स्थापित खरीद केंद्रों से एजेंसी प्याज की सरकारी खरीद कर रही है।

नेफेड ने पिछले साल रबी सीजन में 57 हजार टन प्याज की खरीद की थी लेकिन इस बार प्याज खरीद का लक्ष्य लगभग दोगुना यानी एक लाख टन कर दिया गया है। इससे जहां किसानों को सीधी मदद मिल जाएगी, वहीं उपभोक्ताओं को गैर-फसल मौसम में प्याज की पर्याप्त आपूर्ति की जा सकेगी। महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और गुजरात के एफपीओ, सहकारी संस्थाओं और खरीद केंद्रों से तकरीबन 25 हजार टन प्याज की खरीद कर ली गई है। देश की विभिन्न मंडियों में प्याज का फिलहाल मूल्य 10 से 14 रुपए प्रति किलो के भाव चल रहा है। जबकि बड़े शहरों में प्याज का मूल्य 20 से 30 रुपए प्रति किलो तक है।

प्याज का उत्पादन पिछले साल के 2.28 करोड़ टन के मुकाबले वर्ष 2019-20 में बढ़कर 2.67 करोड़ टन हो गया है। इससे पूरे साल कीमत के काबू में रहने की संभावना है। लेकिन इसके मद्देनजर घरेलू बाजार में दाम घटने लगे तो सरकार अपनी एजेंसी को बफर स्टॉक की खरीद के लिए मंडियों में उतार दिया है। प्याज के स्टॉक को सुरक्षित बनाए रखने के लिए तकनीकी सेवाएं ली जा रही हैं। प्याज की क्वालिटी को सुरक्षित बनाए रखने के लिए मध्य प्रदेश में शुरू की गई परियोजना सफल रही है।

महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश में बढ़ाई जाएगी भंडारण की सुविधा
नैफेड प्रबंधन का कहना है कि प्याज के भंडारण को लेकर इस वर्ष एजेंसी अपने संसाधनों का ज्यादा इस्तेमाल करेगी। महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में राज्य सरकार की मदद से एजेंसी 30 हजार टन प्याज भंडारण की सुविधा बढ़ाएगी। प्याज किसानों के समर्थन में एजेंसी सरकारी खरीद को अंजाम दे रही है। नैफेड ने विभिन्न राज्य सरकारों से भी गैर–फसल मौसम या ऑफ सीजन में प्याज की अपनी जरूरतें बताने का आग्रह किया है।

ऑफ सीजन की तैयारी
अगस्त महीने से लेकर नवंबर के बीच प्याज का ऑफ सीजन होता है, जब बाजार में आपूर्ति घट जाती है। ऐसे में कीमतें तेज होने पर चौतरफा हो-हल्ला मचने लगता है और बाजार को संभालना मुश्किल हो जाता है। सरकार ऐसी किसी स्थिति से बचना चाहती है।
 

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