Edited By jyoti choudhary,Updated: 27 Jun, 2020 11:38 AM
केंद्र सरकार ने देश में छोटे उद्योगों को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। इसके तहत माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज (एमएसएमई) मंत्रालय ने एमएसएमई के क्लासिफिकेशन
नई दिल्लीः केंद्र सरकार ने देश में छोटे उद्योगों को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। इसके तहत माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज (एमएसएमई) मंत्रालय ने एमएसएमई के क्लासिफिकेशन और रजिस्ट्रेशन के लिए गाइडलाइंस का एक संयुक्त नोटिफिकेशन जारी किया है। इस नोटिफिकेशन के मुताबिक, अब देशभर के एमएसएमई उद्यम कहलाएंगे। यही नहीं, अब एमएसएमई के रजिस्ट्रेशन के लिए किसी भी कागजात की जरूरत नहीं होगी। केवल स्वघोषणा के आधार पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन हो जाएगा। रजिस्ट्रेशन के वक्त कोई भी कागज अपलोड करने की जरूरत नहीं होगी। यह नए नियम 1 जुलाई से लागू हो जाएंगे।
नई गाइडलाइन को लॉन्च करते हुए शुक्रवार को एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि क्लासिफिकेशन, रजिस्ट्रेशन और फैसिलिटेशन का नया सिस्टम काफी आसान है। यह ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की दिशा में काफी क्रांतिकारी कदम है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इन कदमों से साफ है कि मंत्रालय इस संकट के समय में चुनौतियों का सामना कर रही एमएसएमई के साथ मजबूती से खड़ा है। उन्होंने कहा कि एमएसएमई के क्लासिफिकेशन और रजिस्ट्रेशन का यह नया नोटिफिकेशन पुराने सभी नोटिफिकेशन को रद्द कर देगा। अब एंटरप्रेन्योर्स, एंटरप्राइजेज और एमएसएमई को नए नोटिफिकेशन के मुताबिक क्लासिफिकेशन और रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया करनी होगी।
1 जून को जारी हुए थे क्लासिफिकेशन के नए मानदंड
एमएसएमई मंत्रालय ने निवेश और टर्नओवर के आधार पर एमएसएमई के क्लासिफिकेशन के लिए 1 जून को नए मानदंड जारी किए थे। अधिकारियों का कहना है कि उद्यम रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया इनकम टैक्स और जीएसटी के सिस्टम के साथ इंटीग्रेटिड है। रजिस्ट्रेशन के समय दी जाने वाली जानकारी पैन नंबर या जीएसटीआईएन के जरिए वैरिफाई की जा सकती है। नोटिफिकेशन के मुताबिक, एक एंटरप्राइजेज केवल आधार नंबर के जरिए भी रजिस्टर्ड कराया जा सकता है। अन्य जानकारी स्वघोषणा के आधार पर दी जा सकती है।