ऑनलाइन शॉपिंग को 2024 तक 'लत' करार दिया जाएगा!

Edited By jyoti choudhary,Updated: 06 Nov, 2019 05:35 PM

online shopping will be described as  addiction  by 2024

रिसर्च फर्म गार्टनर का अनुमान है कि वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) 2024 तक ऑनलाइन शॉपिंग को अडिक्टिव डिसऑर्डर (लत) घोषित कर सकता है। लाखों लोग डिजिटल कॉमर्स का जरूरत से अधिक इस्तेमाल करने से वित्तीय तनाव का शिकार हो रहे हैं।

बेंगलुरुः रिसर्च फर्म गार्टनर का अनुमान है कि वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) 2024 तक ऑनलाइन शॉपिंग को अडिक्टिव डिसऑर्डर (लत) घोषित कर सकता है। लाखों लोग डिजिटल कॉमर्स का जरूरत से अधिक इस्तेमाल करने से वित्तीय तनाव का शिकार हो रहे हैं।

गार्टनर की 2020 और उसके बाद के वर्षों के लिए टॉप स्ट्रैटिजिक प्रिडिक्शन के मुताबिक, 2022 तक डिजिटल कॉमर्स प्लैटफॉर्म्स पर उपभोक्ताओं के खर्च में प्रति वर्ष 10 फीसदी से अधिक बढ़ोतरी होगी। उसका कहना है कि ऑनलाइन शॉपिंग के आरामदेह होने के कारण लाखों लोगों में वित्तीय तनाव पैदा होगा क्योंकि ऑनलाइन रिटेलर्स उपभोक्ताओं को आकर्षित करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और पर्सनलाइजेशन का इस्तेमाल बढ़ा रहे हैं। इसके चलते खरीदार जरूरत से अधिक पैसा खर्च कर रहे हैं, जो उनकी जेब पर भारी पड़ रहा है। माली हालत बिगड़ने से डिप्रेशन और अन्य स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां हो सकती हैं। WHO इसी पहलू पर गौर कर रहा है।

गार्टनर के मुताबिक, 2024 तक भावनाओं को समझने की AI की क्षमता उपभोक्ताओं को ऑनलाइन दिखने वाले आधे से ज्यादा विज्ञापनों का चुनाव करेगी। AI डिवेलपमेंट में आर्टिफिशियल इमोशनल इंटेलिजेंस (AEI) अगला पड़ाव है। इससे उन कंपनियों को काफी मदद मिलेगी, जो खरीदारी बढ़ाने के लिए उपभोक्ताओं की भावनाओं का पता लगाना चाहती हैं।

गार्टनर का यह भी अनुमान है कि AI और उभरती हुई तकनीकों के चलते 2023 तक शारीरिक रूप से असमर्थ लोगों के लिए रोजगार के मौके बढ़ेंगे। डिस्टिंग्विश्ड वाइस प्रेसिडेंट और गार्टनर फेलो डेरिल प्लमर ने बताया, 'इस तरह के लोगों के कौशल को अब तक उतने अवसर नहीं मिले हैं। AI, ऑगमेंटेड रिऐलिटी (AR), वर्चुअल रियलिटी (VR) और अन्य उभरती तकनीकों के कारण इनके लिए काम करना आसान हुआ है। उदाहरण के तौर पर, कुछ रेस्ट्रॉन्ट AI रोबोटिक्स टेक्नॉलजी को आजमा रहे हैं। इससे पैरालाइज्ड कर्मचारियों को रोबॉटिक वेटर को नियंत्रित करने की सुविधा मिलती है।'

कई स्मार्टफोन यूजर्स के पास बैंक अकाउंट नहीं है। रिसर्च फर्म का अनुमान है कि 2025 तक इस तरह के 50 पर्सेंट लोग मोबाइल पर संभाले जाने वाले क्रिप्टोकरंसी अकाउंट का इस्तेमाल करने लगेंगे। 2023 तक AI और मशीन लर्निंग डिजाइनरों के निरीक्षण के लिए G7 के कम से कम चार देशों में सेल्फ रेगुलेटिंग असोसिएशन बनाई जाएगी। 2023 तक लगभग 30 फीसदी वर्ल्ड न्यूज और विडियो कॉटेंट को ब्लॉकचेन के जरिए जांचा जाएगा, ताकि फेक न्यूज पर लगाम कसी जा सके।
 

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