ऑनलाइन खरीदारी हो जाएगी महंगी, यह है वजह

Edited By ,Updated: 27 Apr, 2017 11:15 AM

online shopping will be expensive this is the reason

आगामी जुलाई से ई-कॉमर्स कंपनियों से खरीदारी फायदे का सौदा नहीं रह जाएगा।

नई दिल्लीः आगामी जुलाई से ई-कॉमर्स कंपनियों से खरीदारी फायदे का सौदा नहीं रह जाएगा। अभी आए दिन ई-कॉमर्स कंपनियां अपने प्लेटफॉर्म पर सेल व महासेल का आयोजन करती रहती हैं, जहां ग्राहक बाजार के मुकाबले 10-25 फीसदी तक सस्ते दाम पर सामान की खरीदारी करते हैं, लेकिन एक जुलाई से जी.एस.टी. लागू होने के बाद इस प्रकार की सेल का आयोजन आसान नहीं रह जाएगा।  जी.एस.टी. के तहत ई-कामर्स कंपनियों व ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर सामान बेचने वाले विक्रेताओं दोनों के लिए पंजीयन कराना अनिवार्य होगा। उन्हें किसी प्रकार की कोई सीमा रेखा छूट भी नहीं दी गई है, वहीं 20 लाख रुप तक का कारोबार करने वाले दुकानदार जी.एस.टी. के दायरे में नहीं आएंगे।

कंपनियां पहले ही ले लेंगी विक्रेताओं से 1 फीसदी करअमेजॉन, स्नैपडील व फ्लिपकार्ट जैसी ई-कॉमर्स कंपनियों के अनुमान के मुताबिक जी.एस.टी. के नियम के तहत ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर बिक्री करने वाले विक्रेताओं से उन्हें पहले ही 1 फीसदी का कर लेना होगा। इससे ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर बिक्री करने वाले विक्रेताओं की 400 करोड़ रुपए की पूंजी साल भर के लिए फंस जाएगी। कार्यशील पूंजी फंसने से उनकी लागत बढ़ेगी और उसकी वसूली खरीदारों से ही की जाएगी।  कर के दायरे में नहीं होने से छोटे ऑनलाइन विक्रेता सस्ते में बेच देते थे लेकिन अब ऐसा नहीं हो पाएगा। उन्होंने बताया कि जी.एस.टी. के लागू होने के बाद टैक्स विभाग के उपायुक्त स्तर के अधिकारी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म को नोटिस जारी कर पूरे विक्रेताओं का ब्योरा मांग सकते हैं ।

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