Edited By ,Updated: 12 Aug, 2016 06:43 PM
सरकार के दावों पर बड़ा सवाल खड़ा करते हुए नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने आज कहा कि ग्राहकों को सीधे दी जा रही
नई दिल्ली: सरकार के दावों पर बड़ा सवाल खड़ा करते हुए नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने आज कहा कि ग्राहकों को सीधे दी जा रही रसोई गैस सबसिडी से बचत केवल 1764 करोड़ रुपए की हुई है जो कि सरकार के दावों का केवल लगभग 15 प्रतिशत है।
कैग ने संसद में पेश एक रिपोर्ट में कहा है कि सबसिडी मद में ज्यादातर बचत तो कच्चे तेल की वैश्विक कीमतों में भारी गिरावट के कारण हुई है। कैग के अनुसार, ‘अप्रैल 2015 से दिसंबर 2015 के दौरान सबसिडी का वास्तविक भुगतान 12,084.24 करोड़ रुपए रहा जबकि अप्रैल 2014 से दिसंबर 2014 के दौरान यह राशि 35,400.46 करोड़ रुपए रही थी।’
रिपोर्ट के अनुसार सबसिडी भुगतान में 23,316.12 करोड़ रुपए की उल्लेखनीय कमी में से 21,552.8 करोड़ रुपए की कमी तो कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट की वजह से आई। वहीं इस दौरान, ‘उपभोक्ताआें द्वारा कम सिलैंडर लेने के कारण इस (सबसिडी में) में 1763.93 करोड़ रुपए की कमी आई।’ महालेखा नियंत्रक ने सबसिडी दर में कमी को सबसिडी बचत में सबसे महत्वपूर्ण कारक बताया है।
उल्लेखनीय है कि डी.बी.टी. के तहत सबसिडी का भुगतान सीधे उपयोक्ता के बैंक खाते में किया जा जाता है। पैट्रोलियम मंत्रालय का दावा है कि प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डी.बी.टी.) योजना के कार्यान्वयन से फर्जी व नकली रसोई गैस कनैक्शन समाप्त होने के कारण 2014-15 में 14,818.4 करोड़ रुपए की बचत हुई। यह आंकड़ा 3.34 करोड़ अवरूद्ध (ब्लाक) किए गए ग्राहकों को 369.75 रुपए प्रति सिलैंडर औसत सबसिडी के आधार पर निकाला गया है।
उपभोक्ता हर साल साढे 14 किलो के 12 गैस सिलैंडर सबसिडी शुदा दर पर ले सकते हैं। कैग का कहना है कि पैट्रोलियम मंत्रालय ने फरवरी 2016 में एल.पी.जी. सबसिडी मद में 2015-16 में 9211 करोड़ रुपए की संभावित बचत का अनुमान लगाया था जबकि तेल विपणन कम्पनियों के लिए यह अनुमान 5,107.48 करोड़ रुपए था। कैग ने अपनी रिपोर्ट में सबसिडी बचत में गणना के अलग अलग तौर तरीकों का भी रेखांकित किया है।
कैग ने कहा है कि 6.27 सिलैंडर उठाव के राष्ट्रीय औसत (कम्पनियों के आंकलन में इस्तेमाल) के अनुसार 2015-16 के लिए सबसिडी में अनुमानित बचत केवल 4813 करोड़ रुपए रहेगी। रसोई गैस के लिए तेल कम्पनियों में समन्वय करने वाली इंडियन आयल कारपोरेशन (आई.आे.सी.) ने 2015-16 के लिए सबसिडी बचत की गणना करते समय 2014-15 में औसत सबसिडी दर 338 रुपए प्रति सिलैंडर मानी। कैग के अनुसार इसके कारण सबसिडी में बचत ‘बढ़ा-चढ़ाकर’ पेश की गई जबकि 2015-16 में एल.पी.जी. कीमतों में भारी गिरावट आई।