Edited By Supreet Kaur,Updated: 09 May, 2018 10:49 AM
रेल में सफर कर रहे यात्रियों को खाना मंगाना अब महंगा पड़ेगा। सरकार इस पर जीएसटी वसूलने का विचार कर रही है। अथॉरिटी फॉर एडवांस रुलिंग ने कहा है कि इस तरह के खाने पर 5 फीसदी के कंसेशसनल टैक्स के बदले जीएसटी वसूला जाएगा।
नई दिल्लीः रेल में सफर कर रहे यात्रियों को खाना मंगाना अब महंगा पड़ेगा। सरकार इस पर जीएसटी वसूलने का विचार कर रही है। अथॉरिटी फॉर एडवांस रुलिंग ने कहा है कि इस तरह के खाने पर 5 फीसदी के कंसेशसनल टैक्स के बदले जीएसटी वसूला जाएगा। अथॉरिटी ने कहा है कि ट्रेन ट्रांसपोर्ट का एक जरिया है और इसे रेस्तरां, मेस या कैंटीन नहीं माना जा सकता।
मौजूदा समय में आउटडोर कैटरिंग पर 18 फीसदी जीएसटी लगता है वहीं कैंटिन की सेवाओं पर 5 फीसदी जीएसटी वसूला जाता है। इससे भारतीय रेलवे को जनवरी में की जाने वाली सप्लाई को एक सर्कुलर के जरिए 5 फीसदी ब्रैकेट में डाल दिया गया था। सीबीडीटी की तरफ से जारी जिस सर्कुलर के मुताबिक ट्रेनों में मुहैया कराए जाने वाले सामान पर कम टैक्स लगेगा उसमें यह नहीं कहा गया है कि क्या ऐसे ट्रांजैक्शंस को गुड्स या सर्विसेज की सप्लाई माना जाएगा।
अथॉरिटी का यह ऑर्डर दीपक ऐंड कंपनी की ऐप्लिकेशन के जवाब में आया, जिसने मेल और एक्सप्रेस ट्रेन पर (पैकेज्ड, कुक्ड या एमआरपी पर) फूड और बेवरेज की सप्लाई करने के लिए भारतीय रेलवे के साथ करार किया है। अथॉरिटी ने पाया है कि प्लेटफॉर्म पर यात्रियों को सीधे खाना और चाय, कोल्ड्रिंक देने में कोई सर्विस नहीं है इसलिए इस पर हर आयटम के हिसाब से जीएसटी वसूला जा सकता है।