Edited By Supreet Kaur,Updated: 16 May, 2018 04:15 PM
भारतीय पूंजी बाजारों में भागीदारों पत्रों (पी-नोट) के जरिए किए जाने वाला कुल विदेशी निवेश अप्रैल में घटकर एक लाख करोड़ रुपए के स्तर पर आ गया जो इसका नौ साल का न्यूनतम स्तर है। यह गिरावट ऐसे समय में आई है जबकि सेबी ने पी-नोट के निवेश मार्ग का...
नई दिल्लीः भारतीय पूंजी बाजारों में भागीदारों पत्रों (पी-नोट) के जरिए किए जाने वाला कुल विदेशी निवेश अप्रैल में घटकर एक लाख करोड़ रुपए के स्तर पर आ गया जो इसका नौ साल का न्यूनतम स्तर है। यह गिरावट ऐसे समय में आई है जबकि सेबी ने पी-नोट के निवेश मार्ग का दुरुपयोग को रोकने के लिए नियम कड़े किए हैं।
उल्लेखनीय है कि पी-नोट भारत में पंजीकृत विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) द्वारा उनके ऐसे विदेशी ग्राहकों को जारी किए जाते हैं जो भारत में निवेश तो करना चाहते हैं पर यहां पंजीकरण नहीं कराना चाहते हैं। भारतीय प्रतिभूति व विनिमय बोर्ड (सेबी) के आंकड़ों के अनुसार भारतीय बाजारों (इक्विटी, ऋण व वयुत्पन्न) में पी नोट से निवेश का कुल मूल्य अप्रैल के आखिर में 1,00,245 करोड़ रुपए के निचले स्तर पर रहा। यह पूर्व माह में 1,06,403 करोड़ रुपए था। उससे पहले यह राशि 1,06,760 करोड़ रुपए रही थी। इससे पहले जून 2009 में पी-नोट का निवेश इससे कम था। उस समय इसका स्तर 97,885 करोड़ रुपए था। आलोच्य महीने में पी नोट के रास्ते शेयरों में निवेश 72,321 करोड़ रही। बाकी निवेश ऋण व व्युत्पन्न खंड में रहा।