Edited By ,Updated: 15 Feb, 2017 03:43 PM
देश में पाम तेल का आयात जनवरी में लगातार तीसरे महीने घटा। आलोच्य माह में यह 11.56 प्रतिशत घटकर 6,08,762 टन रहा। तेल विनिर्माताओं के संगठन सॉल्वेंट एक्सट्रेटर्स एसोसिएशन (एसईए)
नई दिल्लीः देश में पाम तेल का आयात जनवरी में लगातार तीसरे महीने घटा। आलोच्य माह में यह 11.56 प्रतिशत घटकर 6,08,762 टन रहा। तेल विनिर्माताओं के संगठन सॉल्वेंट एक्सट्रेटर्स एसोसिएशन (एसईए) के अनुसार तिलहनों का घरेलू उत्पादन अच्छा रहने और खाद्य तेल की बेहतर उपलब्धता के चलते पाम आयाल की आवक कम हुई है। भारत विश्व का सबसे प्रमुख वनस्पति तेल आयातक है। जनवरी-2015 में पाम तेल का आयात 6,88,393 टन था।
जनवरी 2016 में कुल वनस्पति तेल आयात 19 प्रतिशत घटकर 10.24 लाख टन रहा है जो जनवरी-2015 में 12.58 लाख टन था। एसईए ने एक बयान में कहा, ‘‘खरीफ तिलहन की अच्छी फसल, खाद्य तेलों की बेहतर घरेलू उपलब्धता और पुराने माल के सही उपयोग से आयात में कमी आई है। नोटबंदी की वजह से नकदी के संकट के चलते अंतिम उपभोक्ता द्वारा कम खरीद से मांग और कुछ हद तक आयात कम हुआ है।’’
बयान के अनुसार देश के कुल वनस्पति तेल आयात में पाम तेल की हिस्सेदारी 64 प्रतिशत है। समीक्षा अवधि में आरबीडी पामोलीन और सूरजमुखी के तेल की खरीद भी बड़ी है। पाम तेल उत्पादों में आरबीडी पामोलीन का आयात जनवरी में बढ़कर 1,96,623 टन रहा जो जनवरी 2015 में 1,50,064 टन था। आलोच्य अवधि में कच्चा पाम तेल आयात का घटना जारी रहा और यह 4,08,140 टन रहा है जो जनवरी 2015 में 5,30,081 था।