महामारी से प्रभावित पर्यटन, आतिथ्य क्षेत्र को बजट से राहत की उम्मीद

Edited By jyoti choudhary,Updated: 15 Jan, 2021 01:34 PM

pandemic affected by tourism hospitality sector expected to get

पर्यटन और आतिथ्य क्षेत्र ने आगामी आम बजट से उम्मीद जताते हुए सरकार से कई सिफारिशें की हैं, ताकि कोविड-19 महामारी के प्रकोप से उबरा जा सके। भारतीय पर्यटन और आतिथ्य के संघों के महासंघ (एफएआईटीएच) ने एक बयान में कहा कि केंद्र

नई दिल्लीः पर्यटन और आतिथ्य क्षेत्र ने आगामी आम बजट से उम्मीद जताते हुए सरकार से कई सिफारिशें की हैं, ताकि कोविड-19 महामारी के प्रकोप से उबरा जा सके। भारतीय पर्यटन और आतिथ्य के संघों के महासंघ (एफएआईटीएच) ने एक बयान में कहा कि केंद्र और राज्यों के बीच पर्यटन को लेकर साझा दृष्टिकोण सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में मुख्यमंत्रियों की एक राष्ट्रीय पर्यटन परिषद का गठन किया जाए, जिसमें पर्यटन मंत्री भी शामिल हों। 

बयान में कहा गया कि महासंघ ने देश भर में पर्यटन को उद्योग का दर्जा देने के लिए कहा है। महासंघ के कार्यवाहक सीईओ आशीष गुप्ता ने कहा, ‘‘एफएआईटीएच के सदस्य सामूहिक रूप से सरकार के विभिन्न सदस्यों के संपर्क में हैं और उन्हें आम बजट में उचित राहत मिलने की उम्मीद है।'' उन्होंने कहा कि एफएआईटीएच ने पर्यटन क्षेत्र के लिए कई तरह की कर राहत की सिफारिश भी की है, जिसमें निर्यात आय को कर मुक्त बनाने और और भारत में यात्रा करने पर आयकर छूट दिए जाने की बात शामिल है।

भारतीय होटल और रेस्टोरेंट संघ के महासंघ (एफएचआरएआई) के उपाध्यक्ष गुरबख्श सिंह कोहली ने कहा, ‘‘पिछले आठ महीनों में आतिथ्य उद्योग महामारी से बुरी तरह प्रभावित हुआ है और आगामी केंद्रीय बजट यह निर्धारित करेगा कि हम यहां से किस रास्ते से जाएंगे। उद्योग को सरकार से बहुत उम्मीदें हैं।'' उन्होंने कहा कि चूंकि उद्योग को अब तक बहुत मदद नहीं मिली है, इसलिए एफएचआरएआई को उम्मीद है कि आगामी बजट में आतिथ्य उद्योग पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। 

राइस ने कहा कि इन कानूनों से मिलने वाले लाभ इनकी प्रभाविकता और इनके लागू करने के समय पर निर्भर करेंगे, इसलिए सुधार के साथ उन मुद्दों पर भी ध्‍यान देने की आवश्‍यकता है। हजारों किसान, खासकर पंजाब और हरियाणा के, दिल्‍ली के बॉर्डर पर पिछले 50 दिनों से इन तीनों कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं। वह तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने और न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य की गारंटी की मांग कर रहे हैं। 

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