Parle-G : पहले मोदी सरकार का जायका बिगाड़ा, अब हुई रिकॉर्ड बिक्री

Edited By Pardeep,Updated: 09 Jun, 2020 10:11 PM

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बात ज्यादा पुरानी नहीं, करीब 10 महीने पहले अगस्त 2019 की है। उस समय एक रिपोर्ट आई थी जिसके बाद आर्थिक सुस्ती की चर्चा बहुत गंभीर हो गई थी, जिससे मोदी सरकार पर दबाव बढ़ गया था। उस रिपोर्ट में कहा गया था कि बिस्किट बनाने वाली देश की सबसे बड़ी कंपनी...

नई दिल्लीः बात ज्यादा पुरानी नहीं, करीब 10 महीने पहले अगस्त 2019 की है। उस समय एक रिपोर्ट आई थी जिसके बाद आर्थिक सुस्ती की चर्चा बहुत गंभीर हो गई थी, जिससे मोदी सरकार पर दबाव बढ़ गया था। उस रिपोर्ट में कहा गया था कि बिस्किट बनाने वाली देश की सबसे बड़ी कंपनी पारले प्रॉडक्ट्स को मांग में सुस्ती आने के कारण 8,000-10,000 लोगों की छंटनी करनी पड़ सकती है।

GST ज्यादा इसलिए कीमत में तेजी 
उस समय कंपनी के कैटिगरी हेड मयंक शाह ने बताया था कि सरकार को 100 रुपये प्रति किलो या उससे कम कीमत वाले बिस्किट पर GST घटा देना चाहिए। ये आमतौर पर 5 रुपये या कम के पैक में बिकते हैं। सरकार ने हमारी मांग नहीं मानी तो हमें अपनी फैक्टरियों में काम करने वाले 8,000-10,000 लोगों को निकालना पड़ेगा। सेल्स घटने से हमें भारी नुकसान हो रहा है।

5 रुपये का बिस्किट खरीदने में कतरा रहे लोग 
ब्रिटानिया (Britannia) के मैनेजिंग डायरेक्टर वरुण बेरी ने उसी दौरान कहा था कि कन्ज्यूमर 5 रुपए के बिस्किट पैकेट भी खरीदने में कतरा रहे हैं। वे 5 रुपये के भी प्रॉडक्ट्स खरीदने पहले दो बार सोच रहे हैं, जिससे वित्तीय समस्या की गंभीरता का पता चलता है। 

रेकॉर्ड तोड़ बिक्री 
10 महीने के बाद पारले-जी बिस्किट की बिक्री रेकॉर्ड तोड़ हुई है। इसने बिक्री के मामले में 82 सालों का रेकॉर्ड तोड़ दिया है। कोरोना वायरस लॉकडाउन के बीच हर वर्ग के लोगों ने इसका खूब इस्तेमाल किया। इसका इस्तेमाल खाने के साथ-साथ बांटने में भी किया गया। महज 5 रुपए में मिलने वाला पारले-जी बिस्किट का पैकेट सैकड़ों किलोमीटर पैदल चलने वाले प्रवासियों के लिए भी खूब मददगार साबित हुआ। किसी ने खुद खरीद के खाया, तो किसी को दूसरों ने मदद के तौर पर बिस्किट बांटे। बहुत से लोगों ने तो अपने घरों में पारले-जी बिस्किट का स्टॉक जमा कर के रख लिया। 

देश भर में 130 फैक्ट्री
पारले प्रोडक्ट्स की देश भर में कुल 130 फैक्ट्रियां हैं, जिनमें से 120 में लगातार उत्पादन हो रहा था. वहीं 10 कंपनी के स्वामित्व वाली जगह हैं। पारले जी ब्रांड 100 रुपए प्रति किलो से कम वाली कैटेगिरी में आता है, जो बिस्किट उद्योग से एक-तिहाई आय अर्जित करता है। वहीं कुल बिस्किट की बिक्री में इसका शेयर 50 फीसदी है। आज भी चिप्स, चॉकलेट और सॉफ्ट ड्रिंक की तुलना में बिस्किट काफी सस्ता खाद्य पदार्थ है।   

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