ऑटो सेक्टर में 18 साल की सबसे बड़ी गिरावट, जुलाई माह की पैसेंजर व्हीकल सेल में 31% गिरावट

Edited By jyoti choudhary,Updated: 13 Aug, 2019 02:46 PM

passenger vehicle sales decline for the ninth consecutive month

ऑटोमोबाइल सेक्टर में इस साल जुलाई माह के आंकड़े भी निराश करने वाले रहे। इस माह में देश में वाहनों की बिक्री में सदी की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गयी। दिसंबर 2010 के बाद यह पहला मौका है, जब ऑटो सेक्टर की बिक्री में इतनी बड़ी गिरावट दर्ज की गई है।

नई दिल्लीः ऑटोमोबाइल सेक्टर में इस साल जुलाई माह के आंकड़े भी निराश करने वाले रहे। इस माह में देश में वाहनों की बिक्री में सदी की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई। दिसंबर 2000 के बाद यह पहला मौका है, जब ऑटो सेक्टर की बिक्री में इतनी बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। दिसंबर 2000 में कुल 274,770 पैसेंजर व्हीकल की बिक्री हुई, जबकि जुलाई 2019 में यह बिक्री 259,481 रही।

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घरेलू पैसेंजर में 31% की गिरावट
अगर जुलाई 2019 में घरेलू पैसेंजर व्हीकल सेल्स की बात करें, तो इसमें 30.9 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (SIAM) की रिपोर्ट के मुताबिक पैसेंजर व्हीकल की सेल में लगातार नौ माह से गिरावट दर्ज की जा रही है। इसकी वजह से ऑटोमोबाइल सेक्टर में बड़े पैमाने पर लोगों को नौकरी से निकाला गया है।

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दोपहिया वाहनों में 16 की गिरावट
साल 2019 की जुलाई माह में कुल 200790 पैसेंजर कार की बिक्री हुई है। पिछले साल इसी माह यह आंकड़ा 290930 था। वहीं इस साल जुलाई माह में टू-व्हीलर सेल में 16.82 प्रतिशत गिरकर 1511692 रह गई है। पिछले साल जुलाई माह में 1817406 टू-व्हीलर की बिक्री हुई थी। हेवी, मीडियम और लाइट कॉमर्शियल व्हीकल की सेल जुलाई 2019 में 25.71 प्रतिशत कम होकर 56,866 रह गई, जो कि जुलाई 2018 में 76,545 थी। वहीं थ्री व्हीलर सेल में 7.66 प्रतिशत की गिरावट के साथ 55,719 रही। पिछले साल जुलाई माह इसी माह में 60,341 वाहन बिके थे। अगर टू-व्हीलर और थ्री व्हीलर सेल की बात करें, तो जुलाई 2019 में 1,825148 व्हीकल की बिक्री हु, जो पिछले साल इसी माह में 2,245,223 थी।

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13 लाख लोगों की छिनी नौकरियां
ऑटो इंडस्ट्री में मंदी की वजह से अब तक करीब 13 लाख लोगों को नौकरी से हाथ धोना पड़ा है। देश में करीब देशभर में करीब 300 डीलरशिप स्टोर बंद हुए। इसकी वजह से 2 लाख लोगों को नौकरी से निकाल दिया गया है। इसके अलावा ओरिजनल इक्यूपमेंट मैन्यूफैक्चर्स (OEMs) सेक्टर से करीब 15 हजार लोगों की नौकरी चली गयी है। इसके अतिरिक्त लिक्विडिटी की कमी और डिमांड न होने की वजह से वेंडर और कंपोनेटं मैन्यूफैक्चरिंग से जुड़े करीब 10 लाख नौकरियां जाने का आशंका बढ़ गई है।

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