Edited By jyoti choudhary,Updated: 20 Nov, 2020 06:29 PM
निजी क्षेत्र के बैंकों में मालिकाना हक संबंधी गाइडलाइंस और कॉरपोरेट स्ट्रक्चर को लेकर भारतीय रिजर्व बैंक के इंटर्नल वर्किंग ग्रुप (Internal Working Group of RBI) की रिपोर्ट को आरबीआई (RBI) ने जारी किया है। इससे देश में नए निजी बैंक
बिजनेस डेस्कः निजी क्षेत्र के बैंकों में मालिकाना हक संबंधी गाइडलाइंस और कॉरपोरेट स्ट्रक्चर को लेकर भारतीय रिजर्व बैंक के इंटर्नल वर्किंग ग्रुप (Internal Working Group of RBI) की रिपोर्ट को आरबीआई (RBI) ने जारी किया है। इससे देश में नए निजी बैंक खुलने का रास्ता साफ होता दिख रहा है। बता दें कि 12 जून 2020 को आरबीआई ने इंटर्नल वर्किंग ग्रुप का गठन किया था।
NBFC को बैंक में बदलने की सिफारिश
इंटर्नल वर्किंग ग्रुप ने सुझाव दिया कि बड़ी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी कुछ मानदंडों को पूरा करने पर बैंक में बदला जा सकता है। इंटर्नल वर्किंग ग्रुप की सिफारिश के मुताबिक, वैसे एनबीएफसी जिनका पूंजी 50,000 करोड़ रुपए से अधिक है और 10 साल कारोबार में पूरा हो चुका है, उनको बैंक में बदला जा सकता है। भारतीय रिजर्व बैंक के इंटर्नल वर्किंग ग्रुप ने सुझाव दिया है कि पेमेंट्स बैंक जिन्हें 3 साल का अनुभव है, उन्हें स्मॉल फाइनेंस बैंक में बदला जा सकता है।
इंटर्नल वर्किंग ग्रुप की अन्य सिफारिश
- बैंक के प्रोमोटर की हिस्सेदारी को मौजूदा 15 फीसदी से बढ़ाकर 26 फीसदी करने की सिफारिश
- बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट 1949 में संशोधन के बाद बड़े कॉरपोरेट और इंडस्ट्रियल हाउसेस को बैंकों के प्रोमोटर के तौर पर इजाजत दिया जाए
- नए बैंकों के लिए जरूरी पूंजी को 500 करोड़ से बढ़ाकर 1000 करोड़ रुपए किया जाना चाहिए
- स्मॉल फाइनेंस बैंक के लिए पूंजी को 200 करोड़ से बढ़ाकर 300 करोड़ रुपए किया जाना चाहिए